लोकसभा चुनाव के पहले राजस्थान कांग्रेस मे बदलाव नजर आयेगा।

 



      हिन्दी पट्टी मे जीत से उत्साहित मोदी सरकार समय से कुछ पहले लोकसभा चुनाव करवा सकते हैः
               ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
       .              राजस्थान विधानसभा चुनाव मे कांग्रेस की हार को लेकर दिल्ली मे समीक्षा बैठक मे राहुल गांधी के तीखे सवाल करने के बाद कांग्रेस संगठन मे अब बदलाव होने की सम्भावना बढ गई है। अशोक गहलोत को फ्रीहैंड मिलने के बावजूद प्रदेश मे पार्टी की हार सहित नये-पूराने कारणो से लगता है कि कांग्रेस मे परिवर्तन लाने मे गहलोत की कम ओर हाईकमान की अधिक भूमिका रहेगी। सचिन पायलट सबकुछ अपने फेवर मे आने पर ही आगे की रणनीति बनाकर काम कर सकते है।
               राजस्थान कांग्रेस प्रदेशाध्यक्ष गोविंद डोटासरा को हटाकर नया प्रदेश अध्यक्ष बनाया जायेगा। प्रभारी महामंत्री रंधावा की छुट्टी होगी। विरोधी दल का नेता भी नया चेहरा सामने आयेगा। संगठन स्तर पर भी बदलाव नजर आयेगा। ताकि समान विचारधारा वाले दलो का गठबंधन INDIA के दलो से ढंग से तालमेल बैठाकर लोकसभा चुनाव मे कुछ सीटे निकाली जाये। विधानसभा चुनाव परिणाम के अनुसार ग्यारह लोकसभा क्षेत्र मे कांग्रेस का पलड़ा भारी रहा है।
                 वर्तमान लोकसभा मे सभी पच्चीस सीटो पर भाजपा का कब्जा है। भाजपा फिर से सभी सीटें जीतने की कोशिश करेगी। वहीं कांग्रेस भी कुछ सीटो का परिणाम अपने पक्ष मे लाने की भरसक कोशिश करेगी। अशोक गहलोत की बिरादरी माली को भाजपा के करीब माना जाता है जबकि सचिन पायलट का नेतृत्व होने पर उनकी बिरादरी गुर्जर के कांग्रेस की तरफ सम्भावना बनती है। वैसे गुर्जर भी भाजपा के परम्परागत मतदाता माने जाते है।
                कुल मिलाकर यह है कि लोकसभा चुनाव से पहले प्रदेश प्रभारी व प्रदेश अध्यक्ष बदले जायेगे। पार्टी पर अशोक गहलोत का वर्चस्व कम किया जायेगा। पायलट को फिर से प्रदेश मे उभारा जा सकता हैः

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