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370 के फैसले पर जस्टिस नरीमन और जस्टिस लोकुर के सवालों का जवाब चंद्रचूड़ साहब को देना चाहिए- शाहनवाज़ आलम

 

लखनऊ, 17 दिसंबर 2023। 370 के फैसले पर सुप्रीम के पूर्व न्यायधीशों रोहिंगटन नरीमन और जस्टिस लोकुर द्वारा उठाए जा रहे सवालों पर चीफ़ जस्टिस को जवाब देकर अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए। उनके चुप रहने से यह धारणा और पुख़्ता होगी कि न्यायपालिका अपनी स्वायत्तता से समझौता कर रहा है। इससे जनता में यह भी धारणा बनेगी कि न्यायपालिका सरकार के दबाव में काम कर रही है। यह स्थिति लोकतंत्र के लिए घातक साबित होगी। यह बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 126 वीं कड़ी में कहीं। 

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि कुछ अरसे से यह देखा जा रहा है कि सुप्रीम कोर्ट कुछ मामलों में सरकार के खिलाफ़ मौखिक नाराज़गी तो दिखा रहा है लेकिन कोई ठोस कदम नहीं उठाता। मसलन, उसने मणिपुर हिंसा के मामले में वहाँ के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश एमवी मुरलीधर के खिलाफ़ कठोर कार्यवाई करने की बात तो ऐलनिया तौर पर कही लेकिन 6 महीने हो गए क्या कार्यवाई हुई यह कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि जम्मू कश्मीर को राज्य से केंद्र शासित राज्य में तब्दील कर देने के उसके फैसले को अब पूर्व न्यायाधीश ही असंवैधानिक बताने लगे हैं जो मौजूदा मुख्य न्यायाधीश की विश्वसनीयता को कटघरे में कर देता है। 

शाहनवाज़ आलम ने अंदेशा जताया कि 370 पर आए फैसले को नज़ीर बनाकर मोदी सरकार अपने लिए मुश्किल राज्यों जैसे पश्चिम बंगाल के वृहद कूच बिहार, नॉर्थ परगना और दार्जिलिंग को केंद्र शासित राज्य में बदल सकती है। जिससे बंगाल का राजनीतिक समिकरण उस के पक्ष में बदल जाए। इसके लिये इन दोनों छेत्रों में शांत पड़ चुके अलगाववादी आंदोलनों में भी उभार देखने को मिल सकता है। उन्होंने यह भी अंदेशा जताया कि इसी तरह पंजाब में भी भाजपा कमज़ोर है वहाँ भी क़ानून व्यवस्था का सवाल उठाकर मोदी सरकार ऐसा कर सकती है। अचानक से खालिस्तान की चर्चा का उठ जाना इसकी भूमिका हो सकती है। वहीं दक्षिण भारत जहाँ से भाजपा पूरी तरह साफ़ हो चुकी है के कुछ राज्यों में भी भाजपा सरकार ऐसा कर सकती है। उन्होंने कहा कि देश के संघात्मक ढांचे पर हमला करके देश पर तानाशाही थोपने की हर कोशिश को कांग्रेस नाकाम करेगी।

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