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मुस्लिमों को भी आबादी के हिसाब से हिस्सा मिलना चाहिए

 



लखनऊ। सीनियर कांग्रेसी लीडर व समाजसेवी चचा अमीर हैदर एडवोकेट ने इण्डिया गठबंधन के सभी 28 राजनैतिक दलों को एक पत्र भेजकर अपनी मांग को उनके सामने उठाया है । इण्डिया गठबंधन के निर्माण में महत्तवपूर्ण भमिका निभाने वाले एवं गठबंधन के जन्मदाता बिहार के मुख्यमंत्री नितीश कुमार के द्वारा लिया गया निर्णय कि ‘‘जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी‘‘ समय अनुकूल के साथ ही एक सराहनीय क़दम भी है । बिहार सरकार ने न सिर्फ इसकी घोषणा की बल्कि इसके ऊपर अमल भी शुरु कर दिया है ।
संतोषजनक और अच्छी बात यह है कि इण्डिया गठबंधन में शमिल सभी 28 दलों के नेताओं ने इस निर्णय का स्वागत भी किया ।
चचा अमीर हैदर ने कहा कि वर्तमान शासन में कुछ प्रभावशली लोग कम संख्या के बावजूद केन्द्र सरकार , प्रदेश सरकारों , सरकारी एवं अर्द्धसरकारी संस्थाओं में अपना बर्चस्व बनाये हुए है। और भविष्य में भी बनाये रखना चाहते है ।
 
चचा हैदर ने कहा कि वर्तमान भाजपा सरकार में दलित,पिछड़े और विशेष रुप से मुस्लिम समुदाय विशेष रुप से उपेक्षित है व मुख्य धारा से कटा महसूस कर रहा है । मुस्लिम समाज के लोग आज पस्ती,जुल्म,बेबसी के साथ-साथ दूसरे दर्जे का शहरी होने के खौफ से दोचार है । ऐसा लगता है कि देश में मुसलमान होना ही एक जुर्म बन गया है ।
चचा ने कहा कि आबादी के आधार पर हक देने की बात हो रही है तो मुसलमानों को भी 20 प्रतिशत के अधार पर लोकसभा,विधानसभा, सरकारी और अर्द्धसरकारी संस्थाओं एवं सरकार में हक मिलना चाहिए। मुसलमानों में जाति-पाति या बिरादरी तो होती नहीं है केवल पेशे के आधार पर नाम दे दिये गये है यह सब मुसलमान है । इसबात को इकबाल के मशहूर शेर से समझा जा सकता है ।
 
एक ही सफ में खड़े हो गये महमूद-ओ-अयाज़
न कोई बन्दा रहा और न कोई बन्दा नवाज़ ।।

अन्त में चचा अमीर हैदर ने गठबन्धन के नेताओं से निवेदन किया है कि इण्डिया गठबंधन में शामिल हर दल को मुस्लिम समुदाय के हक के बारे में क्या विचार है जाहिर करना चाहिए  एवं 2024 के लोसभा चुनाव से पूर्व अपने चुनाव घोषणा पत्र में भी साफ शब्दों में इस बात की घोषणा करनी कि वह ‘‘जिसकी जितनी संख्या भारी उसकी उतनी हिस्सेदारी‘‘ पर अमल करते हुए मुस्लिम समुदाय का भी ध्यान रखेगे ।


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