सीकर जिले के कुछ गावं व राजनीतिक वर्चस्व वाले परिवार जिनसे एक से अधिक विधायक व सांसद रहे है।
।अशफाक कायमखानी।
सीकर/जयपुर।
राजस्थान के शेखावाटी जनपद के सीकर जिले के कुछ गावं की
मिट्टी व राजनीतिक वर्चस्व वाले परिवार ऐसे है, जहा से एक से अधिक व अनेक
दफा विधायक रहे है। कुछ परिवार तो ऐसे भी है जिससे विधायक के साथ साथ सांसद
भी रहे है। जिनमे जिले का महरिया व मोदी परिवार को उदाहरण के तौर पर याद
किया जाता है।
सीकर के अकेले कुदन
गावं से चार विधायक व एक सांसद रह चुके है। कुदन के महरिया परिवार के
रामदेव सिंह महरिया अनेक दफा विधायक व राज्य सरकार मे मंत्री रहे है।
रामदेव सिंह महरिया के भतीजे सुभाष महरिया तीन दफा सांसद व केंद्र मे
मंत्री रह चुके है। वर्तमान मे वो लक्ष्मनगढ से भाजपा की टिकट पर चुनाव लड़
रहे। दुसरे भतीजे नंदकिशोर महरिया निर्दलीय विधायक रह चुके है। इनके अलावा
इसी गावं के रामचन्द्र सुण्डा व झाबर सिंह सुण्डा भी विधायक रहे है।
कुदन गावं के अलावा नीमकाथाना के मोदी परिवार से भी अनेक
विधायक व सांसद रह चुके। मोदी परिवार के श्री किसन मोदी व उनके पुत्र
विष्णु मोदी दोनो सांसद रहने के अलावा विष्णु मोदी विधायक भी रहे है। इसी
तरह मोहन मोदी विधायक रहे है। वर्तमान मे मोहन मोदी के बेटे सुरेश मोदी
विधायक है। इसी तरह गोवटी गावं के चौधरी नारायण सिंह विधायक-मंत्री व
पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष रहे है। वर्तमान मे चोधरी नारायण सिंह के पूत्र
वीरेन्द्र सिंह विधायक है। जो अगला चुनाव भी लड़ने जा रहे है।
तपीपल्या गावं के गोपाल सिंह व उनके पूत्र बंसीधर बाजिया
विधायक व मंत्री रहे है। भारनी गावं के हरलाल सिंह खर्रा विधायक व मंत्री व
उनके पूत्र झाबर सिंह खर्रा विधायक रहे है। मुण्डवाड़ा गावं के कामरेड अमरा
राम चार दफा व इसी गावं के कामरेड पेमाराम एक दफा विधायक रहे है। इनके
अलावा रोलसाहबसर गावं के भंवरु खा तीन दफा विधायक रहे है। वर्तमान मे उनके
भाई हाकम खान विधायक है। इनके अलावा विधायक बनवारी लाल भिण्डा व विधायक
महादेव सिंह के पूत्र मधुसूदन भिण्डा व गिरीराज खण्डेला भी दुसरी पीढी के
तौर पर भाजपा व कांग्रेस की टिकट पर चुनाव लड़ चुके है। लेकिन वो अभी तक
विधायक नही बन पाये है। पर राजनीति मे सक्रिय जरूर है।
कुल मिलाकर यह है कि सीकर जिले के महरिया-मोदी-गोपाल
सिंह-चौधरी नारायण सिंह व हरलाल सिंह खर्रा जैसे कुछ राजनीतिक परिवार ऐसे
है जिनकी दुसरी पीढी भी चुनाव लड़कर विधायक सांसद बन चुके है। वही कुछ गावं
ऐसे भी है जहां की मिट्टी मे जन्मे दो या दो से अधिक विधायक रहे है। जहां
की मिट्टी आज भी जरखेज है।
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