सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजस्थान विधानसभा चुनावी खर्च पर इस बार निर्वाचन आयोग की पैनी नजरें रहेंगी



     ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर। विधानसभा चुनाव में नेताओं के चुनावी खर्च पर इस बार निर्वाचन आयोग की पैनी नजरें रहेंगी। चुनावी बिगुल बजने से पहले ही चुनाव प्रचार में प्रयुक्त होने वाली प्रचार सामग्री और खाने-पीने आदि की 135 वस्तुओं के दाम तय कर दिए हैं। आचार संहिता लागू हो जाने के बाद मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को 5 रुपये की चाय और 12 रुपये का समोसा पड़ेगा। नेताजी खर्च करेंगे और हिसाब चुनाव की मशीनरी रखेगी ताकि आंकलन किया जा सके कि कहीं नेताजी खर्च में लिमिट से बाहर तो नहीं जा रहे।
  
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार टिकट पर टकटकी लगाए तमाम नेताओं ने अपने क्षेत्रों में पसीना बहाना शुरू कर दिया है। चुनाव का प्रचार करना है तो नेताजी को समर्थक भी चाहिए और उन पर खर्चा भी करना पड़ेगा। अभी आचार संहिता लागू नहीं हुई है तो चुनाव खर्च का मीटर चालू होने का भी डर नहीं है।
   
बाजार में खाने-पीने की चीजों को लेकर भाव क्या हंै यह आम जनता को पता हैं लेकिन अब आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर नेताजी को भी चुनावी खर्च को लेकर इनके बारे में जानना होगा। निर्वाचन विभाग ने 2018 के चुनाव में जो चुनावी खर्च था उसे अब 2023 के लिए बढ़ा दिया है। जहां एक ओर राजनीतिक दल दूसरे दलों के कार्यकर्ताओं को जोडऩे और तोडऩे में लगे हैं तो वहीं इसी बीच चुनाव आयोग अपनी तैयारियों में जुटा है। जिला निर्वाचन की ओर से भी विभिन्न राजनीतिक दलों के बीच बैठकर पुरानी दरों को रिन्यूअल करने के बाद कुल 135 आयटम की दरों पर अंतिम मुहर लगा दी गई है।
 
आचार संहिता लगने के बाद चुनावी मैदान में उतरने वाले प्रत्याशियों को स्वागत में डाली गई चुनावी माला उन्हें पसीना दिला सकती है। इसकी वजह साफ है क्योंकि चुनाव आयोग स्वागत में डाली गई माला का खर्चा भी प्रत्याशी के खाते में जोड़ेगा।
 
 प्रत्याशियों की ओर से चाय, कॉफी, समोसा से लेकर बैनर, कनात, पंडाल और वाहनों पर किस तरह खर्चा करना है, ये भी तय कर दिया गया है। इसके बाद चुनाव लडऩे वाले नेताओं को अपने कार्यकर्ताओं को सुबह-शाम कचौरी-समोसे के साथ जलेबी खिलाना महंगा पड़ सकता है, क्योंकि चुनाव आयोग ने इस बार जो चुनाव प्रचार-प्रसार में उपयोग होने वाली सामाग्री की रेट लिस्ट जारी की है उसमें इनकी कीमतें 20 फीसदी तक बढ़ा दी है। हालांकि चाय-कॉफी की रेट पहले की तरह 5-10 रुपए बरकरार रखी है। इस बार लग्जरी कार, बोलेरो, इनोवा या बड़ी एसयूवी में बैठकर चुनाव प्रचार करना भी प्रत्याशियों को महंगा पड़ेगा। वहीं बैटरी रिक्शा पर फ्लैक्स बैनर लगाकर उस पर लाउड स्पीकर के जरिए चुनाव प्रचार करवाने का खर्चा भी बढ़ा दिया है।
   
आयोग ने वाहनों का प्रतिदिन का किराया 15 फीसदी तक का बढ़ा दिया है। लग्जरी कारों का एक दिन का किराया नॉन एसी 2 हजार, जबकि एसी 3100 रुपए निर्धारित किया है। अगर प्रत्याशी इनका उपयोग चुनाव प्रचार-प्रसार के समय करता है तो ये उसके चुनाव खर्चे में जोड़ा जाएगा। गौरतलब है कि इस बार चुनाव आयोग ने प्रत्येक प्रत्याशी को चुनाव लडऩे के दौरान प्रचार-प्रसार के लिए 40 लाख रुपए खर्च की लिमिट दी है। इस खर्चे में चुनाव लडऩे वाले प्रत्याशियों को रैलियां, रोड-शो, चुनावी सभाओं के अलावा चुनाव कार्यालय खोलने, कार्यकर्ताओं को चाय-नाश्ता, खाना खिलाने का भी खर्चा शामिल करके आयोग के समक्ष अपना खर्च का लेखा-जोखा पेश करना होगा। चुनाव प्रचार के दौरान कार्यकर्ताओं के लिए सुबह-शाम करवाए जाने वाले लंच-डिनर, सभा-रैलियों में पहनाए जाने वाले साफे, नाश्ते में दिए जाने वाले लड्डू, नमकीन समेत अन्य चीजों की कीमतों में इजाफा किया है। वहीं दिन का लंच 50 रुपए प्रति थाली, जबकि शाम के डिनर की रेट 60 रुपए प्रति थाली लगाई है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इंडिया गठबंधन की सफलता में अल्पसंख्यकों की सबसे बड़ी भूमिका- शाहनवाज़ आलम

  लखनऊ, 12 जून 2024 . लोकसभा चुनाव में भले जीत एनडीए की हुई हो लेकिन राहुल गाँधी और प्रियंका गाँधी को देश ने नेता माना है. इंडिया गठबंधन को मिली सफलता में अल्पसंख्यक समुदाय खासकर मुस्लिम समुदाय का सबसे बड़ा रोल है जिसे अल्पसंख्यक कांग्रेस ने अंजाम दिया. ये बातें प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय राय ने अल्पसंख्यक कांग्रेस द्वारा आयोजित आभार और चुनाव समीक्षा बैठक में कहीं. बैठक को संबोधित करते हुए अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक वर्ग के साथ दलित, पिछड़े और अति पिछड़े वर्गों ने राहुल और प्रियंका गाँधी के सामाजिक न्याय, सीएए- एनआरसी विरोधी स्टैंड, जातिगत जनगणना, आरक्षण पर लगे 50 प्रतिशत की पाबंदी को हटाने के लिए किये गए वादों से प्रभावित होकर वोट दिया. उन्होंने कहा कि कांग्रेस इन तबकों के सवालों पर लगातार संघर्ष करती रहेगी.  शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सीएसडीएस के आंकड़ों से यह साबित हुआ है कि पूरे देश में मुसलमान, दलित और पिछड़े कांग्रेस के मुख्य बेस वोटर रहे. वहीं कथित ऊँची जातियों का 70 प्रतिशत वोट भाजपा को गया. इस सवर्ण वोट बैंक को कां...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।