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आजम खां के ठिकानों पर आईटी की छापेमारी तकरीबन साठ घंटे चली - अखिलेश बोले - सरकार जितनी कमजोर होगी विपक्ष पर बढ़ते जाएंगे छापे



रामपुर / तासीन मोहम्मद फैय्याज खान / पूर्व मंत्री एवं सपा के वरिष्ठ नेता आजम खां के ठिकानों पर आयकर विभाग ने बुधवार सुबह छापा मारा। आयकर विभाग की टीम द्वारा रामपुर, मेरठ, गाजियाबाद, सहारनपुर, सीतापुर और लखनऊ में सुबह से आजम खां के जौहर ट्रस्ट में कथित  गड़बड़ियों के सुराग तलाशे गए ।
सीतापुर में आजम के करीबी रीजेंसी पब्लिक स्कूल के प्रबंधक के यहां आयकर विभाग की टीम ने छापा मारा । दो गाड़ियों से आए आयकर विभाग के अधिकारियों ने लगभग साठ घंटे छापेमारी की  । रामपुर में सपा विधायक नसीर खां के घर पर आयकर की छापेमारी की गई।
आजम के हमसफर रिसॉर्ट पर भी आयकर विभाग के अफसरों ने छापेमारी की है। इसी तरह मध्य प्रदेश के विदिशा में भी आयकर विभाग की टीम ने बड़ा बाजार क्षेत्र में रहने वाले समाजवादी पार्टी से राज्यसभा सांसद रहे स्वर्गीय चौधरी मुनव्वर सलीम के निवास पर छापेमारी की।  

वहीं, छापेमारी को लेकर सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने बयान दिया है। उन्होंने ट्वीट कर कहा कि सरकार जितनी कमजोर होगी, विपक्ष पर छापे उतने बढ़ते जायेंगे।
बता दें कि छह माह पूर्व आयकर विभाग ने पूर्व मंत्री आजम खान, उनकी पत्नी तंजीन फातिमा और बेटे अब्दुल्ला आजम के आयकर हलफनामे की फिर से जांच शुरू की थी। दरअसल, आजम खां और उनके बेटे अब्दुल्ला आजम द्वारा विधानसभा चुनाव के दौरान दाखिल किए गए आयकर हलफनामे में कई कथित गड़बड़ियां मिली थी।  
वहीं, तंजीन फातिमा के बैंक खातों में भी तमाम कथित गड़बड़ियां जांच में सामने आई थीं और इन खातों में तमाम कथित संदिग्ध लेन-देन का पता चला था साथ ही जौहर ट्रस्ट से हुए तमाम संदिग्ध लेन-देन का भी पता चला था। बताते चलें कि आयकर विभाग और ईडी करीब तीन साल से आजम खान और उनके परिजनों और जौहर ट्रस्ट की गहनता से पड़ताल कर रही है।

 
वर्ष 2019 में हुए थे जांच के आदेश

तत्कालीन सांसद आजम खां पर बेनामी संपत्ति और टैक्स में अनियमितता का आरोप वर्तमान विधायक भाजपा विधायक आकाश सक्सेना ने वर्ष 2019 में लगाया था। उन्होंने इसको लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय में शिकायत कर दस्तावेज सौंपे थे। पूरे मामले को देखते हुए केंद्रीय मंत्रालय ने ईडी (प्रवर्तन निदेशालय) को जांच के आदेश दे दिए थे। आरोप था कि सांसद आजम खां ने 2012 में समाजवादी पार्टी की सरकार बनने के बाद 560 एकड़ भूमि में जौहर विश्वविद्यालय का निर्माण कार्य शुरू करवाया।
 

इसमें नियमों और कानून को ताख पर रखकर सरकारी धन का दुरुपयोग और जमीनों पर कब्जा करने की बात कही थी। इसके अलावा गरीब किसानों एवं अनुसूचित जाति के लोगों की जमीनों को जबरन अपने नाम करवा कर उस पर भवन निर्माण कराने का आरोप था। आजम खां पर ठेकेदारों, उद्योगपतियों से करोड़ों रुपये चंदे के रूप में लेकर काले धन को सफेद करने की भी कोशिश का भी आरोप था। शिकायत में यह भी कहा गया है कि जौहर विश्वविद्यालय में स्थित भवन निर्माण के अंतर्गत किसी भी तरीके का कोई सेस एवं कोई टैक्स नहीं जमा किया गया है।

सपा का ट्वीट

समाजवादी पार्टी ने भी आजम खां के ठिकानों पर हुई कार्रवाई को लेकर ट्वीट किया। लिखा कि जनाब आजम खां साहब सच की आवाज़ हैं। उन्होंने बच्चों के बेहतर भविष्य की नींव रखी, तालीम-शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय बनाया। आज़म साहब सदैव फ़िरक़ापरस्त ताक़तों से लड़ते रहे हैं। आज उनकी आवाज़ के साथ हम सब एकजुट होकर खड़े हैं। भाजपा सरकार तानाशाही एवं केन्द्रीय एजेंसियों का दुरूपयोग बंद करे। भाजपाई इतना याद रखे कि तानाशाहों के अहंकार का अंत अवश्य होता है, 2024 में जनता जवाब देगी।



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