शर्मनाक - लखनऊ के सबसे बड़े कब्रिस्तानों में से एक ऐशबाग कब्रिस्तान पानी में डूबा !
लखनऊ के सबसे बड़े कब्रिस्तानों में से एक ऐशबाग कब्रिस्तान का एक बड़ा हिस्सा पानी में डूबा हुआ है। कब्रिस्तान का एक बड़ा हिस्सा जिसे चमन के नाम से जाना जाता है तकरीबन एक हफ्ते से पानी में डूबा हुआ हैं।
दरासल ऐशबाग कब्रिस्तान के पीछे मोती झील है बरसात में अक्सर इसका पानी कब्रिस्तान में आ जाता है और कब्रिस्तान में पानी जमा हो जाता है और एक दो दिन में पानी सूख भी जाता है। लेकिन इस बार मोती झील का पानी कब्रिस्तान में पिछले एक हफ्ते से भर रहा है और हज़ारो कब्रे पानी में डूबी हुई है । कब्रिस्तान का इंतेज़ामिया हाथ पर हाथ धरे पिछले एक हफ्ते से पानी के सूखने का इंतज़ार कर रहा है।
कब्रिस्तान के एक बड़े हिस्से जिसे चमन कहते है को काफी मुक़द्दस भी माना जाता है आम दिनों में यहाँ पर मुर्दो को दफ़न करने की डिमांड सबसे ज़्यदा होती है। पानी भरे होने से इस बड़े हिस्से में मुर्दो को दफ़न करना तो नामुमकिन है ही पर यहाँ पर दफ़न लोगो की कब्रे पानी में डूब जाने से लोगो में काफी गुस्सा भी है।
रकाबगंज से अपनी माँ की कबर पर फ़ातिहा पड़ने आए अब्दुल हई कहते है की उन्होंने इस कब्रस्तान का ऐसा नज़ारा आज तक नहीं देखा अगर उन्हें मालूम होता की यहाँ ऐसा होगा तो वो अपनी माँ को यहाँ कभी दफ़न नहीं करते।
वही एक और जायरीन आफ़ताब जो की ऐशबाग से ही आये थे बोले उन्हें जब से पता चला है की कब्रिस्तान में पानी भरा हुआ है मै रोज़ आता हू लेकिन अपने वालिद की कबर तक नहीं पहुंच पाता । वो कहते है मुझे एक हफ्ते से नींद नहीं आ रही मै यह सोच कर नहीं सो पा रहा की मेरे वालिद पानी में डूबे हुए है और मै घर में कैसे आराम से सोजाऊ।
पिछले एक हफ्ते से लखनऊ शहर के एक बड़े और मशहूर कब्रिस्तान के एक बड़े हिस्से में पानी भरा हुआ है। कब्रिस्तान में दफ़न लोगो के घरवालो में गुस्सा है। मगर कब्रिस्तान के इंतेज़ामिया और प्रशाशन दोनों ही लोग सोए हुए से लगते है। कब्रिस्तान के रख रखाव की ज़िम्मेदारी शहर की मशहूर तंज़ीम अंजुमन के पास है। न ही अंजुमन और न ही प्रशाशन की तरफ से कब्रिस्तान में भरे पानी को निकालने के लिए अब तक कोई ठोस कदम न उठाया गया है और न ही कब्रिस्तान में पानी भरने से रोकने के लिए कोई प्लान तैयार किया गया है।
एक शायर ने क्या खूब कहा है कि " बारिश के दिनों में कब्रिस्तान के चक्कर लगा लिया करो साहब , क्यों की वहा पर वोह लोग दफ़न है जो सिर्फ बिजली कड़कने पर ही तुम्हे सीने से लगा लिया करते थे। "
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