लखनऊ, 30 अगस्त 2023। सुप्रीम कोर्ट में 370 हटाए जाने के खिलाफ़ याचिका डालने और अपना पक्ष रखने के कारण कश्मीर के शिक्षक ज़हूर अहमद भट्ट का निलंबन साबित करता है कि जम्मू कश्मीर में मोदी सरकार ने डर और दहशत का माहौल बना रखा है। लोगों के लोकतांत्रिक अधिकार खत्म कर दिए गए हैं। सुप्रीम कोर्ट द्वारा इस मुद्दे पर केंद्र सरकार से जवाब मांगने से वहाँ के वास्तविक हालात भी अब सामने आने लगे हैं।
ये बातें उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहीं। उन्होंने आरोप लगाया कि मोदी सरकार द्वारा 370 खत्म करने के लिए अपनाया गया तरीका असंवैधानिक था। क्योंकि ऐसी कोई भी सिफारिश विधानसभा से पारित होने के बाद ही केंद्र सरकार के पास भेजी जानी चाहिए थी। लेकिन ऐसा नहीं किया गया। यहाँ तक कि पूर्व निर्धारित साज़िश के तहत पहले राज्य की सरकार बर्खास्त करके राष्ट्रपति शासन लगा दिया गया और दो पूर्व मुख्यमंत्रियों को नज़रबन्द कर दिया गया। ताकि 370 खत्म करने के लिए विधानसभा की आवश्यक सिफारिश के प्रावधान का उल्लंघन किया जा सके। यह पूरी प्रक्रिया ही असंवैधानिक और सत्ता के दुरूपयोग का सबसे बुरा उदाहरण थी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि 370 कश्मीर और भारत के रिश्तों की बुनियाद थी। इसे खत्म करके मोदी सरकार ने कश्मीरी अवाम को देश से दूर कर दिया है। जिसके परिणाम अच्छे नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि नई दिल्ली के धर्मनिरपेक्ष होने के दावे के कारण ही मुस्लिम बहुल कश्मीर, सिख बहुल पंजाब, ईसाई बहुल पूर्वोत्तर और द्रविड़ संस्कृति वाले दक्षिणी राज्य भारत का हिस्सा बने थे। अगर नई दिल्ली अपने इस चरित्र में बदलाव लाएगी तो इन राज्यों में असंतोष और संशय दोनों बढ़ेगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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