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हाई कोर्ट की नस्ली सफाए वाली टिप्पणी के बाद हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लग जाना चाहिए- शाहनवाज़ आलम

 



लखनऊ, 8 अगस्त 2023।
अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि हरियाणा और पंजाब हाई कोर्ट द्वारा नूह और गुरुग्राम में बिना नोटिस के मुस्लिमों के घरों को तोड़ जाने को राज्य द्वारा 'नस्लीय सफाये' के समान बताने के बाद हरियाणा में राष्ट्रपति शासन लगा दिया जाना चाहिए। गौरतलब है कि जस्टिस जीएस संधावालिया और हरप्रीत कौर जीवन की बेंच ने कल इस आशय की टिप्पणी की थी।

कांग्रेस मुख्यालय से जारी बयान में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि जब उच्चतम न्यायालय यह मान रहा है कि नूह और गुरुग्राम में राज्य के संरक्षण में क़ानून और व्यवस्था की आड़ में एक समुदाय के घरों को बिना किसी नोटिस के गिराया जा रहा है और यह 'एथनिक क्लींसिंग' के समान है तब खट्टर सरकार का बने रहना संवैधानिक मूल्यों के लिए चुनौती है। खट्टर सरकार को प्रदेश में शांति बहाली के लिए 356 के तहत तुरंत बर्खास्त कर राष्ट्रपति शासन लगा देना चाहिए।

शाहनवाज़ आलम ने कहा कि हमारे संविधान निर्माताओं ने गुरुग्राम और नूह जैसी स्थितियों से निपटने के लिए ही आर्टिकल 356 का प्रावधान किया था।

उन्होंने कहा कि मुख्यमन्त्री कार्यालय किस तरह सीधे मुसलमानों के जनसंहार में शामिल है इसे मुख्यमन्त्री खट्टर के ओएसडी जवाहर यादव के उस बयान से समझा जा सकता है जिसमें उन्होंने एक समुदाय विशेष को सीधे टार्गेट करके उनके घरों को ध्वस्त करने की बात की थी। वहीं गृह मंत्री अनिल विज का बुलडोजर को 'इलाज' बताना भी स्पष्ट करता है कि गुरुग्राम और नूह में अवैध तरीके से मुसलमानों के घरों को सरकार ने गिराया है। यह सभी तथ्य हरियाणा की भाजपा सरकार को बर्खास्त किये जाने के लिए पर्याप्त हैं।


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