सीकर जिले की राजनीति मे चुनाव से पहले फिजां बदली बदली नजर आने लगी।


         ।अशफाक कायमखानी।
सीकर।

             शेखावाटी सम्भाग मुख्यालय सीकर मे भाजपा व कांग्रेस की सियासी फिजां अब तेजी के साथ बदलती नजर आने से नेताओं के धड़े बदलने का सिलसिला शुरू होने लगा है।
              सीकर मे भाजपा नेता सुभाष महरिया व प्रैमसिंह बाजौर ने ऐन चुनाव के पहले भाजपा जिलाध्यक्ष इंदिरा गठाला को चैंज करवा कर अपने खासमखास पवन मोदी को जिलाध्यक्ष बना कर संगठन पर पकड़ मजबूत करने मे कामयाब हो गये। इससे महरिया- प्रैम सिंह जौड़ी को पहले की तरह एक दशक बाद फिर से भाजपा मे मजबूत जोड़ी के तोर पर देखा जाने लगा है। भाजपा मे शामिल होने के कुछ ही समय मे महरिया ने जिलाध्यक्ष का बदलाव करके लक्ष्मनगढ मे अपनी उम्मीदवारी को मजबूती दे डाली है।
                दुसरी तरफ कांग्रेस के प्रदेशाध्यक्ष व लक्ष्मनगढ विधायक गोविंद डोटासरा एव सीकर विधायक राजेन्द्र पारीक के मध्य छत्तीस के लगातार जारी आंकड़े के पारीक की टिकट पर खतरा मंडराने लगा है। सूत्र बताते है कि अगर डोटासरा की चली तो वो पारीक की जगह पहले जाट को टिकट व जाट की पार नही पड़े तो फिर मुस्लिम को उम्मीदवार बनाने की कोशिश कर सकते है। जिनमे सुनीता गढाला व वाहिद चोहान का नाम उपर बताते है। पारीक की टिकट कटने की सम्भावावना को नजर मे रखते हुये उनके खासमखास सीकर सभापति जीवण खा ने कांग्रेस के राष्ट्रीय प्रतिनिधि के तोर आये नेता की बैठक के समय पारीक की टिकट कटने पर स्वयं निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा करके एक तरह से आला कमान को धमकी तक दे डाली है। उन्होंने विधानसभा क्षेत्र मे सतर हजार मुस्लिम मतदाता होने का हवाला भी दिया है। सीकर विधानसभा से माकपा के उम्मीदवार के तौर पर पूर्व प्रधान उसमान खा भी चुनाव प्रचार मे पहले ही लग चुके है।
                  भाजपा जिले की अधीकांश सीटो पर कब्जा करने का खाका तैयार करने मे लगी है। वो नीमकाथाना मे बनिया के सामने बनिया, खण्डेला मे पूर्व कांग्रेस उम्मीदवार, श्रीमाधोपुर मे पूराने उम्मीदवार, नीमकाथाना से पूर्व उम्मीदवार को उठाकर दांतारामगढ़ व सीकर मे नये चेहरे , धोद मे पूराना उम्मीदवार के अलावा लक्ष्मनगढ व फतेहपुर से जाट उम्मीदवार को मैदान मे लाकर खड़ा कर सकती है। वही कांग्रेस के पहले के उम्मीदवार रहे मे से चार उम्मीदवार बदले जा सकते है। लक्ष्मनगढ मे कांग्रेस उम्मीदवार प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष डोटासरा व पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुभाष महरिया के मध्य बडा दिलचस्प मुकाबला हो सकता हैः




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