सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अपने नाम के लिए नहीं समाज की मदद के लिए आगे आएं - अनवारुल हक मलिक


लखनऊ। विश्व मानवाधिकर परिषद ने लखनऊ में एक कार्यक्रम का आयोजन किया जिसमें पूरे देश के अलग अलग राज्यों से लोगों ने हिस्सा लिया । इसके साथ ही नेपाल तथा दुबई से भी संगठन के लोगों ने शिरकत करी । कार्यक्रम का मुख्य उदु्देश्य लोगों को अपने हितों के प्रति जागरुक करना व संगठन के द्वारा किये जा रहे कार्यो को पदाधिकारियों के सामने रखना । कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलित करके की गई । इसके साथ ही विनय पंचाल ने स्वागत गीत गाया । विश्व मानवाधिकार परिषद के राष्ट्रीय एडवाईजरी बोर्ड के चेयरमैन अनवारुलक हक ने अपने स्वागत भाषण में जानकारी देते हुए बताया कि किसी के भी साथ कोई दुर्घटना होती है या कोई दुर्भावना पूर्ण कार्य किया जाता है विश्व मानवाधिकार परिषद उसकी लड़ाई लड़ेगी । विश्व मानवाधिकार परिषद ने इस  वर्ष लगभग 10 हजार लोगों की मदद की है । इस वर्ष 250 से ज्यादा मुकदमे लड़ रही है । विश्व मानवाधिकार परिषद लगभग 1000 मुकदमें लड़ चुकी जिससे समाज के दबे कुचले व कमजोर लोगों की मदद की जा सकी है । विश्व मानवाधिकार परिषद ने 5000 लोों को कपड़े व अन्य ज़रुरत का सामान वितरित किया है । विश्व मानवाधिकार परिषद निशुल्क आईएएस की कोचिग भी करवा रही है । दुबई से आये ठाकुर सम्राट सिह ने बताया कि वह शिक्षा क्षेत्र में काम कर रहे हैं और उनकी तरफ से आधुनिक शिक्षा में देश के बच्चों व युवाओं को मार्ग दर्शन व शिक्षा के क्षेत्र में उनकी द्वारा निशुल्क मदद दी जायेगी । विश्व मानवाधिकार परिषद के वाईस चेयरमैन एडवोकेट मेराज अंसारी ने बताया कि उनका संगठन इस प्रकार के कार्यक्रम और आयोजित करता रहेगा जिससे समाज के दबे कुचले लोगों को उनके द्वार तक मदद पहुंचाई जा सके । कार्यक्रम में अल्पसंख्यक मंत्री दानिश अंसारी ने भी पहुच कर कहा ह िइस प्रकार के कार्यक्रमों से जनता को काफी लाभ होता और इस प्रकार के कार्यक्रम लगातारर होते रहना चाहिए । कार्यक्रम में बड़ी तादाद में लोगों को उनके उत्कृष्ट कार्यो के लिए सम्मानित भी किया गया । कार्यक्रम का संचालन मो0 आमिर ने किया।



 

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...