सेंट्रम होटल में आयोजित फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की भव्य प्रदर्शनी का उद्घाटन प्रोफेसर मांडवी सिंह, कुलपति भातखंडे संस्कृति विश्वविद्यालय,रश्मी वैद, लखनऊ पब्लिक स्कूल्स एंड कॉलेजेज के संस्थापक एवं महाप्रबंधक, डॉ. एस पी सिंह और फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी की संस्थापक नेहा सिंह, पूर्व एमएलसी कांति सिंह, एलपीसीपीएस की डायरेक्टर गरिमा सिंह और एलपीएस के डायरेक्टर्स हर्षित सिंह और शिखरपाल सिंह द्वारा किया गया। यह प्रदर्शनी 31 मई 2023 तक चलेगी।इसमें प्रसिद्ध कलाकार अंकिता सिंह की एकल पेंटिंग प्रदर्शनी, जिसका शीर्षक 'वेव्स ऑफ माइंड' है, लगायी गयी है | यह आयोजन कलात्मक अभिव्यक्ति, रचनात्मकता और नवीनता का एक असाधारण उत्सव होगा।
इस अवसर पर विशेष रूप से आई0 जी0- एस0एस0बी संजय रत्न कटियार, क्यूरेटर राजेश कुमार, रवि भट्ट, प्रो० जय कृष्ण अग्रवाल, सर्वेश गोयल, दिल्ली से आए हुए शैलेंद्र वोहरा एवं सोनिका सिंह व अन्य गणमान्य अतिथि उपस्थित रहे|
नेहा सिंह के अनुसार, "फ्लोरेसेंस आर्ट गैलरी के माध्यम से मेरे जीवन का एक सपना साकार हुआ है तथा मेरा मानना है कि कला हर व्यक्ति के लिए होती है और हर व्यक्ति कला के लिए होता है |”
लोगों ने पूरे जोश और उत्साह के साथ प्रदर्शनी की सराहना की। क्यूरेटर ने बड़ी कुशलता से कलाकार की कला को एक साथ जोड़ा है जिसमें एक समृद्ध कथा और अद्वितीय दृष्टिकोण का समावेश देखने को मिलता है |
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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