वाराणसी , 30 मई 2023। कांग्रेस सरकार ने बुनकरों का कर्ज़ माफ किया था और फ्लैट रेट पर बिजली दी थी। कांग्रेस सरकारों ने पूरे प्रदेश में कताई मिलें और यूपीका हैंडलूम जैसी संस्थाएँ बनाई थीं जिसे बाद की सपा और बसपा सरकारों ने बर्बाद कर दिया। 2024 में मुस्लिम समुदाय ने अन्य वर्गों के साथ मिलकर कांग्रेस की सरकार बनवाने का संकल्प कर लिया है। ये बातें अल्पसंख्यक कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने बेनियाबाग स्थित कांग्रेस कार्यालय पर आयोजित प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहीं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मुसलमान अब समझ गए हैं कि भाजपा के सत्ता में आने की असली वजह उनके द्वारा सपा और बसपा को वोट देना है। जब तक मुसलमान कांग्रेस को वोट देते थे बाकी वर्ग भी कांग्रेस को वोट देते थे और भाजपा के सिर्फ़ दो सांसद होते थे। जैसे-जैसे मुसलमान कांग्रेस से दूर होकर सपा और बसपा को वोट देने लगे भाजपा मजबूत होती गयी। यहाँ तक कि सपा और बसपा के गठबंधन के बावजूद 2019 के लोकसभा चुनाव में वो सिर्फ़ मुस्लिम बहुल सीटें ही जीत पायी क्योंकि सपा ने मुसलमानों का तो वोट ले लिया लेकिन अपना जातिगत वोट भाजपा को ट्रांसफ़र करा दिया। जिससे भाजपा आसानी से चुनाव जीत गयी।
उन्होंने कहा कि सपा की रणनीति है कि केंद्र में भाजपा की सरकार रहे ताकि डर के कारण प्रदेश में मुसलमान सपा को वोट करते रहें। मुसलमान अब सपा के इस खेल को समझ गए हैं और 2024 में पूरी तरह कांग्रेस को वोट करने जा रहे हैं।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि हाल में बीते नगर निकाय चुनाव में मुस्लिम बहुल ज़िलों में मुसलमानों ने एंटी सपा वोट किया। जिसके चलते मुरादाबाद और शाहजहाँपुर जैसी सीटों पर कांग्रेस दूसरे नम्बर पर रही और सपा चौथे नम्बर पर चली गई। यह ट्रेंड अब लोकसभा चुनाव में भी दिखेगा। लोकसभा चुनाव के बाद सपा खत्म हो जायेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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