22 मई, 2023। उत्तर प्रदेश अल्पसंख्यक कांग्रेस अध्यक्ष शाहनवाज़ आलम ने कहा है कि 2024 में कांग्रेस की सरकार बनते ही अलीगढ मुस्लिम यूनिवर्सिटी का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल कर दिया जाएगा। उन्होने मोदी सरकार पर चोरी से एएमयू का अल्पसंख्यक दर्जा खत्म कर देने का आरोप लगाया है।
कांग्रेस मुख्यालय से जारी प्रेस विज्ञप्ति में शाहनवाज़ आलम ने कहा कि मोदी सरकार ने संसद के अंदर बिना विपक्ष को जानकारी दिये बहुत सारे कानूनों में बदलाव के साथ-साथ चुपके से एएमयू के अल्पसंख्यक दर्जे को भी खत्म कर दिया है। जिसे 1981 में इंदिरा गाँधी सरकार ने दिया था। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार एएमयू से इसलिए भी बैर रखती है कि वहाँ के छात्र लोकतंत्र की रक्षा के लिए संघर्ष करते हैं। जिसके उदाहरण के बतौर सीएए-एनआरसी विरोधी आंदोलन और फरवरी 2014 में सपा प्रमुख मुलायम सिंह यादव के एएमयू दौरे का विरोध को देखा जा सकता है। जिन्होंने यूपीए 2 सरकार द्वारा लाए जा रहे सांप्रदायिक हिंसा विरोधी बिल का भाजपा के साथ मिलकर विरोध किया था जिससे वहाँ के छात्रों और शिक्षकों में जबरदस्त नाराज़गी थी।
शाहनवाज़ आलम ने कहा की एएमयू की लोकतांत्रिक चेतना के कारण ही मोदी उका बजट भी कम कर दिया था। जिसके खिलाफ़ अल्पसंख्यक कांग्रेस ने 16 जुलाई 2022 को हर ज़िले से केंद्र सरकार को ज्ञापन भेज कर विरोध दर्ज कराया था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सरकार का यह तर्क कि एएमयू को मुसलमानों ने नहीं बनाया था बल्कि इसका निर्माण सरकार द्वारा पारित ऐक्ट से हुआ था, इसलिए उसे अल्पसंख्यक संस्थान का दर्जा नहीं दिया जा सकता ऐतिहासिक तौर पर झूठ और हास्यस्पद है। उन्होंने कहा कि इस तर्क के आधार पर तो यह भी कहा जा सकता है कि देश को स्वतंत्रता गाँधी, नेहरू और उनके नेतृत्व में इसके लिए लड़ने वाले लाखों लोगों ने नहीं दिलवाई बल्कि ब्रिटिश संसद में पास हुए इंडिया इंडिपेंडेस् ऐक्ट 1947 के कारण भारत आज़ाद हुआ था।
शाहनवाज़ आलम ने कहा कि अल्पसंख्यक कांग्रेस पूरे प्रदेश में अलीगढ़ विश्वविद्यालय के अल्पसंख्यक दर्जे को बहाल करने के लिए अभियान चलायेगी।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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