।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
दुश्मनों के छक्के छुड़ाने वाले सेना के हेलीकॉप्टर "रूद्र" के 21 अक्टूबर अरुणाचल प्रदेश में क्रैश होने पर शहीद हुए पायलट मेजर विकास भांभू को सेना मेडल से नवाजा जाएगा।
सुधीर महरिया स्मृति संस्थान निदेशक एवं रक्त मोटीवेटर बी एल मील ने बताया कि आज सरकार द्वारा घोषित बहादुरी पुरस्कार में मेजर पायलट विकास भांभू को सेना मेडल दिया जाएगा ।
थल सेना अध्यक्ष ने स्वयं शहीद विकास भांभू के पिता भागीरथ भांभू को फोन कर सूचना दी तथा बताया कि यह पुरस्कार उनके जीवित कार्यकाल का दिया है। क्योंकि मेजर भांभू पायलट के रूप में थल सेना अध्यक्ष के साथ काम कर चुके हैं । शहीद होने के समय किए गए बहादुरी के कार्य के लिए तो पुरस्कार आगामी समय में दिया जाएगा । मेजर भांभू भारत पाक बॉर्डर की संपूर्ण सामरिक जानकारी रखने वाले एकमात्र पायलट व बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक अग्रिम टीम के मुख्य पायलट सदस्य रहे हैं । लड़ाकू विमान "रुद्र "के पायलट एवम् इंस्ट्रक्टर थे । तीनों सेनाओं की संयुक्त कोर टीम के तकनीकी विशेषज्ञ पायलट व थल सेना के टॉपर पायलट तथा रिमोट एरिया एवं नाइट विजन स्पेशल पायलट भी थे ।
देश की रक्षा के लिए अतुलनीय योगदान देने के लिए सेना जवानों के नाम वीरता पुरस्कार के लिए तय करके नाम रक्षा मंत्रालय भेजे जाते हैं तथा वहां पर केंद्रीय सम्मान एवं पुरस्कार समिति विचार कर पूरी प्रक्रिया के बाद सूची चयनित सूची राष्ट्रपति को भेजी जाती है । राष्ट्रपति की अनुमति के बाद पुरस्कारों की घोषणा की जाती है ।
मेजर विकास भांभू को सेना मेडल देने की घोषणा होने पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया ,पूर्व विधायक नंदकिशोर महरिया तथा अनेक राजनेताओं और गणमान्य लोगों ने बधाई देकर गर्व महसूस किया है।
मेजर विकास भांभू के पिता भागीरथ भांभू पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया के निजी सचिव रह चुके हैं । विकास भांभू की पूरी पढ़ाई सीकर शहर में हुई है ।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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