सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजस्थान कांग्रेस मे गहलोत व सचिन पायलट खेमे मे सत्ता संघर्ष अंतिम पडाव पर जाते नजर आ रहा है। पायलट अपने जन्मदिन के एक दिन पहले जन्म दिन मनाकर ताकत दिखायेंगे।


                  ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

               कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को दिल्ली बूलाकर निर्देश देने के अंदाज मे उनकी जरुरत दिल्ली मे बताने के बाद राजस्थान की कांग्रेस राजनीति मे नये तौर पर हलचल पैदा हो गई है। पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट ने पार्टी के निर्देश पर 2018 मे मुख्यमंत्री पद से हटने की कहते हुये अक्सर जो गहलोत बोलते है उसी को दोहराते हुये कहा की राजनीति मे जो होता है वो दिखता नही है। इसके बाद राजनीतिक क्षेत्र मे चर्चा गरम होने लगी है।
                       हालांकि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद स्वीकार करते है या नही। पर यह तय है कि वो किसी भी सूरत मे पायलट को राजस्थान का मुख्यमंत्री नही बनने देना चाहते है। वो हर मुमकिन सभी तरह के भरसक प्रयास करेगे कि वो अवल तो मुख्यमंत्री पद छोड़े नही। अध्यक्ष बनने के लिये विवश होना पड़े तो दोनो पद उनके पास रहे। फिर भी मुख्यमंत्री पद छोड़ना पड़े तो पायलट ना बनकर अन्य कोई उनकी डोर मे रहने वाला कमजोर नेता ही मुख्यमंत्री बने। जैसे प्रदेश अध्यक्ष पद पर उनके मुखपत्र की तरह डोटासरा काम कर रहे है।
              मुख्यमंत्री की ओथ लेने के लिये उतावले व इंतजार मे बैठे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट व उनके समर्थक अपनी ताकत दिखाने के लिये सात सितम्बर को उनके जन्म दिन से एक दिन पहले उनका जन्म दिन मना रहे है। इसके लिये पायलट समर्थक जोरशोर से तैयारी कर रहे है। वही पायलट के दफ्तर से विधायक व सिनीयर कांग्रेस नेताओं के पास टेलिफोनिक निमंत्रण भी दिया जा रहे है।
               पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट के जन्मदिन से एक दिन पहले जयपुर में उनके समर्थक बड़ी संख्या में जुटने की तैयारी में है। सचिन पायलट का जन्मदिन 7 सितंबर को है, लेकिन इस बार समर्थकों से मिलने का कार्यक्रम 6 सितंबर को रखा गया है।
       बताया जा रहा है कि 7-सितंबर से राहुल गांधी की भारत जोड़ो यात्रा शुरू हो रही है इसलिए पायलट उसमें शामिल होने कन्याकुमारी जाएंगे, इस वजह से जन्मदिन से एक दिन पहले समर्थकों से मिलने का कार्यक्रम तय किया गया है। बदले हालात के बीच इस बार पायलट के जन्मदिन पर जुटने वाली भीड़ के सियासी मायने हैं।
                        मंहगाई के खिलाफ चार सितम्बर को दिल्ली मे कांग्रेस की रैली की तैयारी के लिये प्रभारी महामंत्री अजय माकन तीन दिन के लिये जयपुर आ रहे है। सूत्र बताते है कि वो रैली के बहाने विधायकों से व्यक्तिगत मिलकर रायशुमारी भी करेगे। ताकि अंदाजा लग सके कि गहलोत के अध्यक्ष बनने से राजस्थान मे मुख्यमंत्री के नये नाम को लेकर हालात क्या बन सकते है। विधायक गहलोत-पायलट खेमे मे बंटे हुये है। पायलट समर्थक विधायक व समर्थक मुखर भी हो रहे है।
               राष्ट्रीय अध्यक्ष के चुनाव मे 450 पीसीसी के कोप्टेड मेम्बर से अधिक व 70 एआईसीसी मेम्बर मतदान कर सकेंगे। इससे पहले राष्ट्रीय अध्यक्ष के लिए हुये चुनाव मे 1997 मे सीताराम केसरी के सामने पंवार व राजेश पायलट ने चुनाव लड़ा तब कुल 7463 मतो मे से केसरी को 6227 मत मिले थे। उसके बाद 22-साल पहले 2000 मे हुये चुनाव मे सोनिया गांधी के सामने जितेन्द्र कुमार ने चुनाव लड़ा तब 7542 मे से जितेन्द्र को मात्र 94 मत मिले थे। इस दफा 9000 के करीब डेलिगेट्स होगे।
               मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व मे चुनाव होने पर पार्टी की लीडरशिप सरकार रिपीट नही होना मान रही है। यही सर्वे रिपोर्ट मे दर्शाया गया है। ऐसी स्थिति मे सरकार नही आती देख अब ब्यूरोक्रेसी भी रंग बदलने लगी है।
               कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव कार्यक्रम घोषित हो चुका है। सोनिया गांधी का निर्देश मानकर गहलोत को अध्यक्ष का चुनाव लड़ना होगा। उस स्थिति मे अवल तो गहलोत दोनो पद पर रहना चाहेगे। यह नही चली तो वो पायलट को मुख्यमंत्री किसी हालत मे बनने नही देना चाहेंगे। अगर पायलट मुख्यमंत्री नही बन पाये तो उनका कदम क्या होगा यह देखना होगा।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...