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खाटूश्यामजी मंदिर हादसे को लेकर राजनेताओं की चुप्पी को लेकर चर्चा गरम!

 



     केवल मात्र स्थानीय विधायक वीरेन्द्र सिंह मुखर होकर आवाज उठा रहे है।
    मुख्यमंत्री गहलोत ने मेले व त्योहारों के प्रबंधन पर एक मीटिंग भी की है।

              ।अशफाक कायमखानी।
सीकर।

          राजस्थान के सीकर जिले के खाटूश्यामजी स्थित विख्यात खाटूश्यामजी मंदिर मे सोमवार को सुबह हुये हादसे मे तीन महिला श्रद्धालुओं की मौत व अव्यवस्थाओं एव वीआईपी दर्शन परिपाटी के साथ साथ अनेक मुद्दो को लेकर स्थानीय विधायक वीरेन्द्र सिंह ने आवाज उठाते हुये रैली-प्रदर्शन व धरना देकर मंदिर कमेटी के खिलाफ कड़ी कार्यवाही करने की मांग कर रहे है।जबकि प्रशासन के आला अधिकारी प्रबंध समिति को कटघरे मे खड़ा ना करके स्थानीय अधिकारियों को एक एक करके निलम्बित करने मे लगे हुये है।
                  कांग्रेस विधायक वीरेन्द्र सिंह घटना के बाद से लगातार अपनी आवाज बूलंद कर रहे है। लेकिन उनके साथ जिले मे उनके दल के अन्य सात विधायक व नेतागण अभी तक उनके साथ खड़े होना तो अलग उस घटना पर भी कुछ बोलने से कतरा रहे है।
                      प्रशासन ने घटना के बाद वीआईपी दर्शन कराने के अवेध रास्तों को बंद करा दिया है। घटना के बाद एक एक करके सरकार ने चार छोटे अधिकारियों को निलम्बित कर दिया है। जिसमे से एक अधिकारी तो घटना के समय अपनी निजी तौर पर हुई गमी के कारण प्रशासनिक इजाजत पर छुट्टी पर गया हुवा था। छोटे अधिकारियों को निलम्बित करने के खिलाफ राजस्व विभाग के कर्मचारियों ने आज विरोध जताया है। बताते है कि राजस्व विभाग के कर्मचारी इस मामले को लेकर आगे बडा आंदोलन छेड़ने की योजना बना रहे है। एक एक करके निलम्बित होने वाले अबतक के चार अधिकारियों मे उप पुलिस अधीक्षक सुरेन्द्र सिंह चोधरी, थानेदार रिया चोधरी, तहसीलदार विपुल चोधरी व एसडीओ राजेश मीणा शामिल है।
          मुख्यमंत्री गहलोत ने इस घटना के बाद जयपुर मे शामको मेले व त्योहारों के प्रबंधन को लेकर अधिकारियों केसाथ  मीटिंग भी की है।

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