एआईएमआईएम की प्रदेश कमेटी गठन के बाद कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष डोटासरा की मुश्किलें बढीं।



                 ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

            अधीकांश कांग्रेस समर्थक एआईएमआईएम व उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन आवैसी को भाजपा की बी टीम बताते थकते नही है। लेकिन यह तय है कि जहां जहा एआईएमआईएम के उम्मीदवार चुनाव लड़ते है वहां वहा खासतौर पर कांग्रेस के परम्परागत अल्पसंख्यक मतो मे बंटवारा होने से कांग्रेस उम्मीदवारों की चींता की लकीरे बढ जाती है। सांसद ओवेसी के जयपुर आकर एआईएमआईएम के प्रदेश के लिये जमील खान की घोषणा करने के बाद से डोटासरा की मुश्किलें बढती नजर आ रही है।
               लक्ष्मनगढ विधानसभा के जेवली गावं के मूल निवासी कर्नल जाबदी खां के पोते जमील खान का एआईएमआईएम का प्रदेश अध्यक्ष बनने के अलावा छ सदस्यीय कमेटी मे लक्ष्मनगढ विधानसभा के खींवासर गावं के एडवोकेट जावेद खान के सदस्य बनने के बाद लगता है कि संगठन की विशेष नजर मे लक्ष्मनगढ विधानसभा आता लगता है।
             राजस्थान के प्रभावशाली मुस्लिम परिवार से तालूक रखने वाले जमील खान के परिवार व निकटवर्ती रिस्तेदार मे उच्च न्यायीक सेवा के अधिकारी से लेकर भारतीय व राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयो की एक लम्बी सूची है। जमील खान के दादा मरहूम कर्नल जाबदी खा भी भारत की एक प्रमुख राजनीतिक दल से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है।

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