।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
अधीकांश कांग्रेस समर्थक एआईएमआईएम व उनके राष्ट्रीय अध्यक्ष सांसद असदुद्दीन आवैसी को भाजपा की बी टीम बताते थकते नही है। लेकिन यह तय है कि जहां जहा एआईएमआईएम के उम्मीदवार चुनाव लड़ते है वहां वहा खासतौर पर कांग्रेस के परम्परागत अल्पसंख्यक मतो मे बंटवारा होने से कांग्रेस उम्मीदवारों की चींता की लकीरे बढ जाती है। सांसद ओवेसी के जयपुर आकर एआईएमआईएम के प्रदेश के लिये जमील खान की घोषणा करने के बाद से डोटासरा की मुश्किलें बढती नजर आ रही है।
लक्ष्मनगढ विधानसभा के जेवली गावं के मूल निवासी कर्नल जाबदी खां के पोते जमील खान का एआईएमआईएम का प्रदेश अध्यक्ष बनने के अलावा छ सदस्यीय कमेटी मे लक्ष्मनगढ विधानसभा के खींवासर गावं के एडवोकेट जावेद खान के सदस्य बनने के बाद लगता है कि संगठन की विशेष नजर मे लक्ष्मनगढ विधानसभा आता लगता है।
राजस्थान के प्रभावशाली मुस्लिम परिवार से तालूक रखने वाले जमील खान के परिवार व निकटवर्ती रिस्तेदार मे उच्च न्यायीक सेवा के अधिकारी से लेकर भारतीय व राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारीयो की एक लम्बी सूची है। जमील खान के दादा मरहूम कर्नल जाबदी खा भी भारत की एक प्रमुख राजनीतिक दल से विधानसभा चुनाव लड़ चुके है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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