।अशफाक अशफाक कायमखानी।
सीकर।
फरवरी से लेकर मई तक विभिन्न कक्षाओं व जेईई व मेडिकल सहित अनेक प्रवेश परीक्षा होने का समय होने के कारण उनमे सफलता पाने पर सबको फोकस होना चाहिए। जबकि शेखावाटी जनपद मे मुस्लिम युवाओं का स्टूडेंट्स के इसी पीक टाईम मे क्रिकेट सहितडे-नाईट विभिन्न खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जा रहा है।
अभी राजस्थान मे रीट की परीक्षा रद्द होकर नये रुप मे फिर से परीक्षा का आयोजन होने के कारण उस पर फोकस होना चाहिए।रीट के अलावा अनेक अन्य भर्ती परीक्षाओं का आयोजन भी होना है। लेकिन अधीकांश लोग उससे बेखबर नजर आ रहे है।
जीवन मे खेलो का महत्व है। युवाओं को खेलो से जुड़ाव रखना भी चाहिए। लेकिन गावं गावं मे खेल प्रतियोगिताओं के आयोजन का समय ऐसा होना चाहिये। जिसमे स्टुडेंट्स की पढाई मे कम से कम खलल पड़े। खासतौर पर गर्मियों मे जून माह मे व सर्दियों मे दिपावली के आसपास स्टुडेंट्स की अक्सर छुट्टियों का सीजन होता है। उस समय गावों मे ऐसे आयोजन किये जा सकते है।
कुल मिलाकर यह है कि युवा पीढी को स्टुडेंट्स के आठवीं-दसवीं व बारवीं के बाद विभिन्न आला मुकाम रखने वाली स्कूल-कालोज व यूनिवर्सिटी मे प्रवेश पाने के लिये कोचिंग व गाईडेंस के केम्प लगाने पर विचार करना चाहिए। विभिन्न तरह की प्रतियोगिता परीक्षाओं की जानकारी व उनमे सफलता पाने के तरीकों को हासिल करने पर विचार करना होगा।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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