।अशफाक कायमखानी।
उदयपु ।राजस्थान। थाना झाडोल क्षेत्र में विवाहिता के साथ सामूहिक दुष्कर्म करने के मामले में थाना पुलिस ने मात्र 24 घंटे में मुख्य आरोपी मोहन पारगी पुत्र धनराज (22) निवासी ओबरा को गिरफ्तार कर लिया है। घटना में शामिल अन्य दो आरोपियों की तलाश के लिए संभावित स्थानों पर गठित टीमों द्वारा दबिश दी जा रही है। जिन्हें भी जल्द गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
एसपी उदयपुर मनोज कुमार ने बताया कि गुरुवार को झाडोल थाने में एक विवाहिता ने उपस्थित होकर एक रिपोर्ट दी जिसमें बताया कि आज दोपहर 12:30 बजे वह अपने ससुराल से पीहर जा रही थी। रास्ते में बाघपुरा में खेल मैदान के पास एक बाइक पर उसके दो परिचित मोहन पारगी और भेरूलाल पारगी निवासी ओबरा तथा एक अनजान व्यक्ति आया। अनजान व्यक्ति दोनों को छोड़कर बाइक लेकर चला गया। मोहन और भैरू राम ने उसके साथ जबरदस्ती दुष्कर्म किया।
रिपोर्ट पर मुकदमा दर्ज कर सीओ झाडोल जितेंद्र सिंह द्वारा अनुसंधान प्रारंभ किया गया। घटना की गंभीरता को देखते हुए अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कुंदन कंवारिया मौके पर पहुंचे। एसपी मनोज कुमार के निर्देश पर घटना के खुलासे के लिए थानाधिकारी झाडोल मोती राम सारण, थानाधिकारी गोवर्धन विलास चैल सिंह एवं थाना फलासिया तथा थाना ओगणा थानाधिकारी की चार टीमों का गठन किया गया।
गठित टीमों ने एफ आई आर में नामजद अभियुक्त मोहन व भेरूलाल व एक अन्य की संभावित स्थानों पर तलाश की एवं विभिन्न स्थानों पर दबिश दी। शुक्रवार को मोहन पारगी को टीम ने जगन्नाथपुरा की पहाड़ियों से डिटेल कर लिया। जिसे पूछताछ के बाद गिरफ्तार कर लिया गया है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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