।अशफाक कायमखानी।
जयपुर
अनैतिक आचरण एवं अपराधों में लिप्त राज्य विशेष शाखा के दो पुलिसकर्मियों मोतीलाल व्यास कांस्टेबल नंबर 827 एवं प्रवीण गोदारा उर्फ प्रवीण बिश्नोई हेड कांस्टेबल नंबर 845 को राज्य सेवा से बर्खास्त कर दिया गया है।
महानिदेशक पुलिस इंटेलिजेंस श्री उमेश मिश्रा ने बताया कि किसी भी पुलिसकर्मियों के विरुद्ध गंभीर प्रकृति के मुकदमे दर्ज होना पुलिस विभाग जैसे अनुशासित बल की स्वच्छ छवि के विपरीत है। राज्य विशेष शाखा जैसी संवेदनशील शाखा की छवि धूमिल करने के आरोप में राजस्थान सिविल सेवा नियम 1958 के नियम 19 (2) के तहत लोकहित में दोनों पुलिसकर्मियों को राज्य सेवा से तुरंत प्रभाव से बर्खास्त किया गया है।
नैतिक अद्यमता के कारण सेवा से बर्खास्त
राज्य विशेष शाखा के हेड कॉन्स्टेबल प्रवीण गोदारा के विरुद्ध थाना कोतवाली श्रीगंगानगर में 15 अक्टूबर 2019 को एक आपराधिक मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें आरोप प्रमाणित पाए जाने पर 9 दिसंबर 2019 को गिरफ्तार किया गया। तत्पश्चात 10 दिसंबर 2019 को श्रीगंगानगर जिले के ही चुनावढ़ थाने में महिला पुलिसकर्मी को अश्लील मैसेज व धमकी भरे चैट भेजे जाने का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमे कोर्ट में चालान पेश हुआ। इसके बाद महिला पुलिसकर्मी के रिश्तेदारों को धमकियां देने के आरोप लगे। आरोपी पुलिसकर्मी को निलंबित किया गया।
निलंबन अवधि में आरोपी पुलिसकर्मी प्रवीण गोदारा हेड कांस्टेबल साल 2020 में 234 दिन एवं साल 2021 में 300 स्वेच्छा से अनुपस्थित रहा। इस दौरान उसके विरूद्ध 16 सीसी की विभागीय कार्रवाई की गई। जिसमें किसी प्रकार का सहयोग नहीं किया गया। 9 रिकॉल नोटिस जारी हुए, जिसमे 5 रिकॉल नोटिस तामिल है, फिर भी आरोपी मुख्यालय पर उपस्थित नहीं हुआ। निलंबन अवधि के दौरान भी आरोपी हेड कांस्टेबल ने अनैतिक व अपराधिक गतिविधियों में शामिल होना नहीं छोड़ा। एसपी गंगानगर की रिपोर्ट दिनांक 18 नवम्बर,2021 के अनुसार शहर के थाना जवाहरनगर में एक महिला को धमकाने व गाली गलौज करने का इस्तगासा प्राप्त हुआ।
धोखाधड़ी कर रुपए ऐंठने व चेक बाउंस के मामले में किया सेवा से बाहर
राज्य विशेष शाखा के ही कॉन्स्टेबल मोतीलाल व्यास को बेरोजगार युवकों को सरकारी नौकरी लगाने का झांसा देने एवं घरेलू कार्यों के लिए लोगों को गुमराह कर रुपए हड़पने के आरोपों के चलते सेवा से बर्खास्त किया गया है।
बाड़मेर पदस्थापन के दौरान आरोपी कांस्टेबल के विरुद्ध 12 मुकदमे जिनमे 4 आपराधिक व 7 एन आई एक्ट के तहत दर्ज हुए। जिनमें कुल 73 लाख 40 हजार की धोखाधड़ी के आरोप प्रमाणित पाए जाने पर दिसम्बर,2019 को सेवा से निकाल दिया गया था। अपील अभ्यावेदन प्रस्तुत कर लिखित में सभी परिवादियों को भुगतान कर राजीनामा करने और भविष्य में इस प्रकार का कृत्य नहीं करने का आश्वासन देने के आधार पर सितम्बर, 2020 को पुनः सेवा में बहाल कर आरोपी का मुख्यालय जयपुर कर दिया गया था।
आरोपी कांस्टेबल के विरुद्ध थाना विधायक पुरी जयपुर दक्षिण में 21 लाख रुपए हड़पने व बाड़मेर जिले के कोतवाली थाने में 3.75 लाख हड़पने का मुकदमा दर्ज हुआ। जिसमें 5 दिसंबर 2021 को कोतवाली पुलिस ने आरोपी कांस्टेबल को गिरफ्तार कर ₹6.41 लाख बरामद किए। जयपुर दक्षिण जिले की विधायक पुरी थाना पुलिस ने भी आरोपी कांस्टेबल को 8 दिसंबर 2021 को गिरफ्तार किया जिसे कोर्ट में पेश कर 11 दिसंबर को न्यायिक अभिरक्षा में भिजवाया गया। वर्तमान में आरोपी केंद्रीय कारागार जयपुर में बंद है।
इसके अतिरिक्त आरोपी कांस्टेबल मोतीलाल व्यास के विरुद्ध वर्तमान में 7 प्रकरण विचाराधीन है जिनमें 2 आपराधिक प्रकरण, तीन परिवाद रुपए हड़पने संबंधित तथा दो एन आई एक्ट (चेक बाउंस) के मामले में स्थाई वारंट संबंधित न्यायालय में पेंडिंग है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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