नूआ का मुस्लिम परिवार जिसमे एक दर्जन से अधिक अधिकारी बने। तो झाड़ोद का दूसरा परिवार जिसमे अधिकारियों की लम्बी कतार


             ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

            राजस्थान मे खासतौर पर देहाती परिवेश मे रहकर फौज-पुलिस व अन्य सेवाओं मे रहने के अलावा खेती पर निर्भर मुस्लिम समुदाय की कायमखानी बिरादरी के झूंझुनू जिले के नूआ व नागौर जिले के झाड़ोद गावं के दो परिवारों मे बडी तादाद मे अधिकारी देकर वतन की खिदमत अंजाम दे रहे है।
           नूआ गावं के मरहूम लियाकत अली व झाड़ोद के जस्टिस भंवरु खा के परिवार को लम्बे अर्शे से अधिकारियो की खान के तौर पर प्रदेश मे पहचाना जाता है। जस्टिस भंवरु खा स्वयं राजस्थान के निवासी के तौर पर पहले न्यायीक सेवा मे चयनित होने वाले मुस्लिम थे। जो बाद मे राजस्थान हाईकोर्ट के जस्टिस पद से सेवानिवृत्त हुये। उनके दादा कप्तान महमदू खा रियासत काल मे केप्टन व पीता बक्सू खां पुलिस के आला अधिकारी से सेवानिवृत्त हुये। भंवरु के चाचा पुलिस अधिकारी सहित विभिन्न विभागों मे अधिकारी रहे। इनके भाई बहादुर खा व बख्तावर खान राजस्थान पुलिस सेवा के अधिकारी रहे है। जस्टिस भंवरु के पुत्र इकबाल खान व पूत्र वधु रश्मि वर्तमान मे भारतीय प्रशासनिक सेवा के IAS अधिकारी है।
             इसी तरह नूआ गावं के मरहूम लियाकत अली खान जो पहले आरपीएस और फिर आईपीएस बनकर आईजीपी पद से सेवानिवृत्त हुये। इनके अलावा इनके परिवार मे ग्यारह अन्य अधिकारी है।
               लियाकत अली खान आईपीएस रहे वही इनके छोटे भाई अशफाक हुसैन भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS रहे। दूसरे छोटे भाई जाकीर हुसैन आईएएस होने के साथ वर्तमान मे श्रीगंगानगर कलेक्टर के पद पर कार्यरत है। लियाकत खान के पुत्र शाहीन खान, आरएएस व उनकी पत्नी मोनिका जैल सेवा मे डीआईजी पद पर कार्यरत है। परिवार के सदस्य शाकिब खान, भारतीय सेना मे ब्रिगेडियर पद पर सेवारत ह। भाणजे सलीम खान, आरएएस व उनकी पत्नी सना भी राजस्थान प्रशासनिक सेवा की अधिकारी है।
         इसी तरह अशफाक हुसैन की पुत्री फराह खान IRS भारतीय रेवेन्यू सर्विस की अधिकारी तो उसके पती कमर जमा चोधरी भारतीय प्रशासनिक सेवा IAS के अधिकारी है। भाणजी दामाद जावेद खान आरएएस भी राजस्थान प्रशासनिक सेवा के अधिकारी है। इशरत खान,  भारतीय सेना मे कर्नाड है। जो प्रदेश की पहली मुस्लिम फौज की अधिकारी है।








 

टिप्पणियाँ