सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

राजस्थान मे मजलिस को अभी तक नही मिला मजबूत नेतृत्व। खासतौर पर अल्पसंख्यक युवाओं मे कांग्रेस द्वारा उन्हें किनारे रखने की रणनीति के चलते मजलिस के प्रति आकर्षण बढ रहा है।

 



                ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
              
हालांकि खासतौर पर अल्पसंख्यक तबके से तालूक रखने वाला युवा तबका विकल्प मिलते ही कांग्रेस से छिटकते देर नही लगाता है। राजस्थान मे तो मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा मुस्लिम समुदाय को निशाने पर रखने के चलते उनको सत्ता मे हिस्सेदारी देने की बजाय हर स्तर पर किनारे लगाये रखने की रणनीति के चलते वो एएमआईएम लीडर सांसद असदुद्दीन ओवैसी के जयपुर आकर राज्य मे पार्टी संगठन खड़ा करके 2023 के विधानसभा चुनाव लड़ने की घोषणा करने से युवाओं मे उनके प्रति आकर्षण लगातार बढता देखा जा रहा है। पर उन युवाओं को एक डोर मे बांधकर उन्हें लीड करने के लिये मजलिस को प्रदेश मे अभी तक एक भी अनुभवी लीडर नही मिल पाने का टोटा साफ नजर आ रहा है।
                   सांसद ओवैसी के इस सीलसीले मे अबतक जयपुर मे हुये दो दौरे मे उनसे मिलने वालो मे खासतौर पर जयपुर मे रहने वाले कुछ उन लोगो का मिलना हुवा है। जिनका राजनीतिक अनुभव ना के बराबर बताते है। मिले लोगो के प्रभाव व लीडरशिप से बेखोफ कांग्रेस अभी तक ओवेसी को लेकर गम्भीर नही बताते है। पर कुछ कांग्रेस जनप्रतिनिधि अपने क्षेत्र के अल्पसंख्यक युवाओं मे ओवैसी के प्रति बढते आकर्षण को लेकर चिंतित जरुर बताये जा रहे है।
                राजस्थान मे वैसे तो ओवैसी टीम के काम करने का प्लान यूपी चुनाव के बाद का राष्ट्रीय नेताओं के जयपुर मे पड़ाव डालने व दौरे करने के बाद बताते है। लेकिन राजस्थान मे कुछ समर्थक उनके पक्ष मे हैदराबाद से आने वाले उनके वीडियो व लेख को सोशल मीडिया पर जरुर फैलाने मे लगे है। अभी तक जानकारी अनुसार इस काम को टौक जिले के दो लोग जिनमे एक इंजीनियर व एक एडवोकेट ने यह जिम्मा सम्भाल रखा है जिनका राजनीतिक अनुभव खास नही है। मजलिस की आहट से दूसरी मुस्लिम तंजीम SDPI मे भी सक्रियता देखी जा रही है।
            राजस्थान की मुस्लिम सियासत को समझे तो पाते है कि शहरी मतदाताओं के अलावा देहाती कल्चर मे रहने वाली मुस्लिम बिरादरियों का स्वतंत्र पार्टी, लोकदल, जनता पार्टी व जनता दल के नाम पर राजनीतिक उथल-पूथल मे खासा महत्व देखा जाता रहा है। अलवर-भरतपुर जिले मे मेव, सवाईमाधोपुर  जिले मे गद्दी-खेलदार, मारवाड़ मे सिंधी मुस्लिम व शेखावाटी मे कायमखानी बिरादरी के राजनीतिक इतिहास को पढा जा सकता है। जिन्होंने कभी कभी जहर का प्याला पीने की तरह कांग्रेस के मुकाबले भाजपा को भी अपना कर राजनीतिक पारी खेल चुके है। शहरी मतदाताओं मे कुरेशी बिरादरी ने वैसे तो अक्सर कांग्रेस का साथ दिया है। पर जब जब मुस्लिम उम्मीदवार की बात आती है तो वो अन्य बिरदरियो की तरह राजनीतिक सौदेबाजी करने के बजाय जज्बाती होकर समर्थन मे सबसे आगे खड़ी मिलती है। शहरी क्षेत्र मे अनेक कामकाजी बिरादरीया भी रहती है। लेकिन वो इकठ्ठा तौर पर ना रहकर राज्य भर मे बिखरे बिखरे तौर पर निवास करते है।
              कुल मिलाकर यह है कि सांसद ओवैसी ने राजस्थान मे अभी तक किसी को भी पार्टी की कोई जिम्मेदारी नही दी है। ओर नाही किसी को मजलिस का प्रवक्ता बना रखा है। वो अपने हैदराबाद दफ्तर से ही प्रदेश पर नजर रखे हुये है। साथ ही अनेक मुस्लिम नेताओं से ओवैसी के साथ जाने की पुछने पर उनका कहना है कि अभी  कांग्रेस सरकार द्वारा राजनीतिक नियुक्तियों करने तक इंतजार करते है। उसके बाद ओवेसी के साथ जाने का फैसला करेगे। ओवैसी के साथ जायेगे तो काम भी करेंगे ओर चुनाव भी लड़ेगे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...