सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

आरपीएससीः- डॉ शिवसिंह राठौड ने संभाला अध्यक्ष पद का कार्यभार आयोग अभ्यर्थियों की आशाओं का केंद्ररू- डॉ. राठौड

       ।अशफाक कायमखानी।

जयपुर, 2 दिसम्बर।
डॉ शिव सिंह राठौड को राजस्थान लोक सेवा आयोग का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया गया है। उन्होंने गुरूवार को अध्यक्ष पद का कार्यभार संभाला। इस अवसर पर डॉ राठौड ने कहा कि आयोग अभ्यर्थियों की आशाओं का केंद्र है। स्थापना से लेकर अभी तक आयोग ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए उतार-चढाव के अनेक पडाव पार किए हैं। समय की मांग के अनुरूप आयोग द्वारा  परीक्षा पद्धति, पाठ्यक्रम व कार्यप्रणाली में सुधार किया जाता रहा है। सुदीर्घ, स्पष्ट व स्वच्छ परंपराओं के चलते प्रदेश के लगभग हर शिक्षित परिवार व अभ्यर्थियों की आशा के केन्द्र के रूप में प्रतिष्ठित राजस्थान लोक सेवा आयोग की ख्याती पूरे देश में है।

डॉ. राठौड ने कहा कि अभ्यर्थियों से सीधा संवाद कायम हो सके इसकी व्यवस्था की जाएगी।
जिन परीक्षाओं का आयोजन किया जा चुका है उनका परिणाम जारी करना, लम्बित वादों के निस्तारण के लिए प्रभावी प्रयास उनके द्वारा किए जाएंगे। इसके अतिरिक्त राज्य सरकार की अपेक्षानुसार भर्ती परीक्षाओं, परिणामों व अभिस्तावना भिजवाने संबंधी कार्यों को समयबद्ध रूप से संपन्न करना उनकी प्राथमिकता होगी। कर्मचारियों की विभिन्न मांगों पर शीघ्र कार्यवाही करने के प्रयास उनकी और से किए जाएंगे।  

मूलतः जोधपुर के रहने वाले डॉ.राठौड, भूगर्भशास्त्र में अधिस्नातक (गोल्ड मेडलिस्ट) व हाइड्रो जियो टूरिज्म विषय में पीएचडी है। इनकी विशेषज्ञता पर्यावरण एवं भूगर्भ, जल संरक्षण एवं क्षेत्रीय विकास संबंधी क्षेत्रों में भी है। आद्र्रभूमि संरक्षण संबंधी विभिन्न शोध पत्र तथा जियों पार्क के निर्माण संबंधी विभिन्न आलेख डॉ.. राठौड के द्वारा प्रकाशित किए गए हैं।

आयोग में अपनी नियुक्ति के बाद से डॉ राठौड़ ने विभिन्न नवाचारों को बढ़ावा देने व परीक्षा प्रणाली के संवर्धन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है।

आयोग के नवाचारों में डॉ राठौड का योगदान

1. ऑन स्क्रीन मार्किंग प्रणाली के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। इस प्रणाली की सराहना
   देश विभिन्न आयोग के अध्यक्षों द्वारा भी की गई।
2. त्रि-स्तरीय प्रश्न पत्र निर्धारण व मूल्यांकन प्रणाली
3. वादकरण को कम करने के लिए गठित प्री-लिटिगेशन कमेटी के प्रथम अध्यक्ष
4. आयोग की नियमावली में 20 वर्षों के बाद संशोधन कर नई नियमावली का निर्माण डॉ..राठौड
    के दिशा-निर्देशन में हुआ।

विशेष-

1. डॉ शिव सिंह राठौड अध्यक्ष पद के दायित्व का निर्वहन करने वाले सबसे         
युवा  व्यक्ति।
2. 30 जनवरी, 2016 को सदस्य नियुक्त डॉ राठौड आयोग के सबसे युवा सदस्य भी रहे।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...