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मुख्यमंत्री गहलोत शिक्षकों के सम्मान समारोह मे शिक्षा मंत्रालय मे तबादला उधोग को उजागर किया।


      गहलोत स्वयंं की सरकार पर भ्रष्टाचार के लगते आरोपों की ताहीद करवा दी।
   अगले ही दिन मुख्यमंत्री गहलोत अपने साथ शिक्षा मंत्री डोटासरा को लेकर जिलो के दौरे पर निकल गये।

                ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                राजस्थान मे गहलोत सरकार पर तबादला उधोग चलाने के लगातार लगाते आरोपों के मध्य आम शिक्षकों की बजाय चयनित होकर सम्मान पाने आने वाले शिक्षको के सम्मान समारोह मे शिक्षा मंत्री डोटासरा के मंच पर मोजूद होने पर स्वयंं गहलोत ने जब अपने भाषण मे मंच से शिक्षकों को पैसे देकर तबादले होने की पुछा तो एक स्वर मे शिक्षकों के हां मे जवाब देकर तबादलो मे भ्रष्टाचार होने पर मुहर लगा दी। इसके बावजूद इस तरफ अभी तक ना तो सरकार ने कोई कदम उठाये है ओर ना ही शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा ने अपने आपको पाकसाफ करने के लिये सरकार से किसी तरह की जांच की मांग नही करने से आरोप गहराते जा रहे है।
             मुख्यमंत्री गहलोत ने जीस तरह से समारोह मे शिक्षको से जयपुर मे बिरला आडीटोरियम मे खुले मंच से तबादलो के लिये पैसा देने की पुछा उसी तरह से मेडिकल-यूडीएच-गृह विभाग सहित अन्य विभागों के कर्मियों को आडीटोरियम मे बूलाकर पैसे देकर तबादला होने की मुख्यमंत्री गहलोत को पूछ कर अपनी सरकार की उजली छवि को उजागर करना चाहिए। अनेक लोगो का मानना है कि मंच पर मोजूद शिक्षा मंत्री गोविंद डोटासरा को तत्तकाल मंच से इस समबन्ध मे जांच करवाने की मुख्यमंत्री से अपील करनी चाहिए थी। साथ ही जबतक जांच पुरी नही होती तबतक मंत्री पद से दूर रहने का ऐहलान करते तो उनपर उठने वाले अनेक तरह के सवालों पर विराम लगता। वरना जनता उनपर आगे भी शक की नजर गढाये रखेगी।
             बडे दुख व अफसोस की बात है कि सरकार के मुखिया व बडे खुफिया तंत्र व अन्य साधनो से जुड़े मुख्यमंत्री गहलोत बिरला आडीटोरियम मे आयोजित उक्त शिक्षक सम्मान समारोह के मंच से यह भी कहते नजर आये कि उन्हें पता नही है कि तबादलो के लिये पैसे देने पड़ते है। इस बाबत यातो मुख्यमंत्री कुछ छुपाना चाहते है या फिर उनसे जुड़ी ऐजेन्सीज उनतक सबकुछ पहुंचाती नही है। मुख्यमंत्री गहलोत के खासमखास व उनके चहेते गोविंद डोटासरा शिक्षा मंत्री के साथ साथ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष भी है। जब उनके विभाग मे पैसे लेकर तबादला होने की बात खुलकर आती है तो शक की सूई दूरतक जाती है।
                  कुल मिलाकर यह है कि पैसे देकर तबादला होने की बात पर यह तो सम्मान के लिये आये चयनित शिक्षकों ने हां कहकर पनपे भ्रष्टाचार की बात की है। अगर आम शिक्षक सम्मेलन होता तो मुख्यमंत्री के यह पुछने पर मंच पर आकर शिक्षक सबूत पैश करके सरकार को परेशानी मे डाल सकते थे। मुख्यमंत्री के सामने पैसा देकर तबादला होना उजागर होने पर उनके द्वारा स्वतंत्र ऐजेंसी से जांच कराने के आदेश करने चाहिए। साथ ही शिक्षा मंत्री डोटासरा पर लगे उक्त दाग से छुटकारा पाने के लिये स्वयं को जांच के लिये आगे आना चाहिए।

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