सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

सीकर का किसान छात्रावास रीट अभ्यर्थियों की सेवा के लिये मिशाल बना।



             ।अशफाक कायमखानी।
सीकर।

             राजस्थान मे लेवल प्रथम व सेकंड के अध्यापक बनने के लिये पात्रता परीक्षा रीट" प्रदेश भर मे करीब तीस लाख अभ्यार्थी 26-सितम्बर रविवार को प्रदेश भर मे अलग अलग जगह देने के लिये दूर दराज कायम सेंटर्स पर पहुंचने के लिये रवाना हुये आज शाम तक करीब करीब उस शहर व कस्बो मे पहुंच चुके है। रीट अभ्यर्थियों के रहने व खाने की मुफ्त व्यवस्था विभिन्न सामाजिक व धार्मिक संगठनो के अलावा छात्रावास व इबादत गाह समितियां भी राज्य भर मे कर रही है। लेकिन उनमे से अधीकांश व्यवस्था बिरादरी-मजहब के आधार पर होने के समाचार विभिन्न सोशल मिडिया के मार्फत मिल रहे है। लेकिन कुछ संस्थानों ने मजहब व जाती-बिरादरी की दीवारें तोड़ते हुये केवल ओर केवल इंसानियत के धर्म को अपनाते हुये   रीट अभ्यर्थियों के लिये बेहतरीन इंतजाम कर रहे है। जिनमे सीकर स्थित किसान छात्रावास समिति ने छात्रावास परिसर मे बेहतरीन इंतजामात ठहरने वाले सभी अभ्यार्थियों के लिये करके हम सबको एक राह फिर दिखाई है।
              सीकर स्थित किसान छात्रावास को आम लोग जाट बोर्डिंग के नाम से भी पुकारते है। उक्त छात्रावास की प्रबंध समिति ने वास्तव मे किसान को चरितार्थ किया है। जिस तरह किसान बीना किसी भेद के अन्न पैदा करके सबके हलक तक पहुंचाता है। उसी तरह आज सीकर किसान छात्रावास प्रबंध समिति ने मजहब व जाती बिरादरी की दीवार को बाला ए ताख पर रखकर मात्र इंसानियत का धर्म मानते हुये इंसान रुपी रीट अभ्यार्थियों के लिये रहने व भोजन का बेहतरीन इंतजाम किया है। सभी तरह के इदारे को सीकर स्थित किसान छात्रावास प्रबंध समिति से खिदमत ए खल्क की भावना व हर समय इंसानियत को सर्वोपरी रखने से सबक लेना चाहिए। इसके अलावा राजस्थान मे माकपा के मोजूद दोनो विधायको ने जयपुर स्थित अपने सरकारी निवास पर  बीना राजनीतिक भेद किये सभी रीट अभ्यार्थियों के लिये किसान छात्रावास प्रबंध समिति की तरह का इंतजाम करके सच्चे जनप्रतिनिधि होने का फर्ज निभाया है।


सीकर स्थित किसान छात्रावास मे रीट अभ्यार्थी भोजन करते हुये।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...