जयपुर ।अशफाक कायमखानी। - कांग्रेस हाईकमान द्वारा पंजाब मे अपनी अथोरिटी साबित करने के बाद अब राजस्थान मे एक साल से गहलोत व पायलट के मध्य चल रहे टकराव को खत्म करके मंत्रीमंडल बदलाव व विस्तार के साथ राजनीतिक नियुक्तिया एवं संगठन स्तर पर जिला व ब्लॉक अध्यक्षों का मनोनयन करके अब फिर से हाईकमान अपनी अथोरिटी साबित करने का मन बना चुका है। हाईकमान के रुख को भांपकर मुख्यमंत्री गहलोत पहले के अपने अड़ियल रुख से मामूली नरम जरुर पड़े है। लेकिन गहलोत सचिन पायलट के राजस्थान मे दखल रखने को अभी तक तैयार नही हुये है।
दो दिन पहले कांग्रेस के संगठन महामंत्री केसी वेणुगोपाल व अजय माकन राजस्थान का मसाला सुलझाने जयपुर आये थे। जयपुर मे मुख्यमंत्री से लम्बी मंत्रणा करके उन्हें हाईकमान की मंशा बताकर गये एवं साथ मे गहलोत के सुझाव व सुलह का मसोदा भी लेकर गये। जयपुर से दिल्ली जाकर दोनो नेताओं ने हाईकमान को हकीकत से अवगत करवाया दिया। आज शाम को दिल्ली से जयपुर रवाना होने से पहले माकन की दिल्ली मे पायलट से अकेले मे एक घंटे की मुलाकात ने राजस्थान मे हलचल पैदा कर दी है। बुधवार व गूरुवार को विधायकों व नेताओं से दो दिन माकन का मिलने का प्रोग्राम विधिवत जारी हो चुका है। माकन दो दिन जयपुर रहकर विधायकों से फीडबैक लेकर जिला व ब्लॉक अध्यक्षों के नाम पर आम सहमति बनाने की कोशिश करेगें। लेकिन पर्दे के पीछे मंत्रीमंडल बदलाव व विस्तार पर चल रहे घटनाक्रमों पर जमकर राजनीतिक गोठिया सेट करने की बात आ रही है। जबकि मुख्यमंत्री गहलोत अब भी जैसे तैसे करके मंत्रीमंडल विस्तार व बदलाव के अलावा राजनीतिक नियुक्तियो को वर्तमान समय मे टाल कर उसे आगे लेजाने की भरपूर कोशिश मे बताते है।
कुल मिलाकर यह हझ कि मुख्यमंत्री गहलोत फिलहाल मंत्रीमंडल विस्तार व बदलाव के साथ राजनीतिक नियुक्तियों को आगे ले जाने की भरपूर कोशिश मे है। जबकि हाईकमान अब अपनी अथोरिटी साबित करना चाहता है।पायलट अब किसी भी सूरत मे मामलो को लम्बा खींचने के पक्ष मे नजर नही आ रहे है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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