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आखिरकार गहलोत सरकार को समझ आने पर बीना वजह निलम्बित किये आरएएस अधिकारी अयूब खान बहाल हुये।

 


           ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

            राजस्थान के जोधपुर शहर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से मुस्लिम मतो का एक मुश्त मिलने पर जीतने वाले विधायक बनकर मुख्यमंत्री बनने वाले अशोक गहलोत सरकार मे जोधपुर जिले मे एक मात्र तैनात मुस्लिम आरएएस अधिकारी अय्यूब खान को बीना वजह छ महीनें तक निलम्बित रखने के बाद आखिरकार समझ आने पर कल उनकी बहाली के आदेश जारी हुये।
           मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को विधायक बनाने व राज्य मे कांग्रेस की सरकार लाने मे अहम भूमिका निभाने वाले मुस्लिम समुदाय के प्रति उदासीनता बरतने के अलावा उनके अधिकारियों को प्रताड़ित करने मे कभी चूक नही होती साफ देखी जा रही है। मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा सरकारी स्तर पर राजनीतिक तौर पर मुस्लिम समुदाय का हक मारा जाना आम बात हो गई है। वही मुस्लिम अधिकारियों को मेनस्ट्रीम के पदो पर पदस्थापित करने की बजाय खांचे वाले पदो पर पदस्थापित किया जाना उनके द्वारा कांग्रेस सरकार लाने मे महत्ती भूमिका निभाने के ईनाम के तौर पर माना जा रहा है।
              मुख्यमंत्री गहलोत के मुख्यमंत्री बनने के बाद शूरुआत मे महाधिवक्ता व अतिरिक्त महाधिवक्ताओ के नियुक्तियो मे मुस्लिम समुदाय को वंचित करना, मंत्रीमंडल मे एक मात्र शाले मोहम्मद को मंत्री बनाकर अल्पसंख्यक मामलात मंत्रालय तक सीमित रखना, विभिन्न बोर्ड-निगम से वंचित व सम्बंधित बोर्ड-निगमो का गठन नही होना, राजस्थान लोकसेवा आयोग,  सुचना आयोग मे सदस्य मनोनीत करने से वंचित करना।  लोकायुक्त , मानवाधिकार आयोग, कर्मचारी आयोग, सहित अनेक संवैधानिक पदो से भी वंचित रखना कितना उचित है। इन सबका स्वयं गहलोत आंकलन ठीक से कर सकते है।
                 कुल मिलाकर यह है कि आरएएस अधिकारी अयूब खान को बीना वजह छ महीने तक निलम्बित रखकर अब बहाली के आदेश करना मुख्यमंत्री गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार की मात्र एक बानगी है। गहलोत के अबतक के ढाई साल से अधिक गुजरे कार्यकाल पर नजर दोड़ाये तो मुस्लिम समुदाय के तालूक से राजनीतिक तौर पर बरती जाने वाली उदासीनता व  उन्हें विभिन्न तरह से प्रताडित करने से बनते रिकॉर्ड इतिहास बन रहे है।



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