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मुख्यमंत्री गहलोत ने कानून व्यवस्था को लेकर एडीजी स्तर के पुलिस अधिकारियों से वीडियो कांफ्रेंस से चर्चा की



      ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
 
               मुख्यमंत्री गहलोत ने अपने सरकारी निवास से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से कानून-व्यवस्था की समीक्षा करते हुए कहा कि हर आपराधिक प्रकरण में पुलिस की तफ्तीश पूरी निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ करे। किसी भी निर्दोष और पीड़ित व्यक्ति के साथ अन्याय न हो। उन्होंने कहा कि निष्पक्ष एवं त्वरित कार्रवाई से ही पुलिस महकमे का इकबाल बुलंद होगा। राजस्थान पुलिस अपनी कार्यशैली और अनुसंधान के तौर-तरीकों में प्रोफेशनल एप्रोच के साथ बदलाव लाकर देश की नंबर वन पुलिस के रूप में अपनी पहचान बनाए।
          उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली एवं दूसरी लहर के समय लॉकडाउन को जमीनी स्तर पर प्रभावी रूप से लागू करने में पुलिस विभाग ने सकारात्मक भूमिका से आमजन के बीच बेहतर छवि बनाई और इससे पुलिस के प्रति विश्वास कायम हुआ। पुलिस की यही छवि आगे भी बरकरार रहनी चाहिए।
         राज्य सरकार ने अपराध नियंत्रण एवं कानून-व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए कई महत्वपूर्ण नीतिगत फैसले लिए हैं। थानों में उचित माहौल में फरियादियों की सुनवाई के लिए स्वागत कक्षों के निर्माण, तथा अनिवार्य एफआईआर दर्ज करने के साथ ही पुलिस महकमे के सुदृढ़ीकरण एवं आधुनिकीकरण की दिशा में लिए गए महत्वपूर्ण फैसलों को देशभर में सराहा गया है। प्रदेश के सभी थानों में स्वागत कक्ष बनाने के काम को गति दी जाए।
       उन्होंने कहा कि महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों, अनुसूचित जाति, जनजाति, अल्पसंख्यकों सहित समाज के कमजोर वर्गों को न्याय दिलाने में पुलिस मानवीय नजरिए के साथ तफ्तीश करे। संवेदनशील मामलों में निष्पक्ष जांच करवाकर दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जाए, ताकि लोगों के बीच पुलिस की छवि में सुधार हो। विभिन्न प्रकार के माफिया तथा संगठित अपराधियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए। खनन, भू-माफिया, मादक पदार्थ तथा हथियारों की तस्करी, धोखाधड़ी तथा निवेश के नाम पर पैसा हड़पने वाले माफियाओं में पुलिस अपनी कार्रवाई से कानून का भय पैदा करे।
          उन्होंने कहा कि पुलिस कार्मिकों को फील्ड पोस्टिंग देते समय उनके पिछले कार्यकाल का फीडबैक जरूर लिया जाए। फील्ड में पोस्टिंग के बाद आमजन के बीच से निरंतर फीडबैक प्राप्त करने का एक सिस्टम तैयार किया जाए, जिसकी प्रभावी मॉनीटरिंग गृह विभाग करे।
पुलिस विभाग के कार्मिकों की आचरण एवं शिष्टाचार को लेकर नियमित ट्रेनिंग कराई जाए क्योंकि पुलिस के खिलाफ अधिकतर शिकायतें उनके व्यवहार से जुड़ी होती हैं। थानों में हिरासत में होने वाली मौतों एवं मारपीट की घटनाओं पर अंकुश के लिए सभी थानों में सीसीटीवी कैमरे लगाने के काम को गति देने के निर्देश दिए, जिनकी हर जिले में ऑनलाइन मॉनिटरिंग सुनिश्चित हो। जहां अभय कमाण्ड सेंटर हैं, वहां थानों को इससे जोड़ा जा सकता है।
             बीट कांस्टेबल की भूमिका को और प्रभावी बनाने तथा मिलीभगत की शिकायतों को रोकने के लिए एक पारदर्शी स्थानांतरण नीति बनाने पर भी बल दिया। अच्छा काम करने वाले पुलिस कार्मिकों को प्रोत्साहन मिले और लापरवाह एवं अपराधियों से सांठगांठ करने वाले कार्मिकों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाए।
आमजन में बेहतर छवि बनाने के लिए पुलिस कार्मिकों का सतत फीडबैक और मूल्यांकन किया जाना उचित होगा।
मुख्य सचिव श्री निरंजन आर्य ने कहा कि खनन माफिया, मादक पदार्थों तथा पिछड़े वर्गों के खिलाफ आपराधिक मामलों में पुलिस और अधिक प्रभावी कार्रवाई कर पीड़ित को न्याय दिलाए।
             पुलिस महानिदेशक एमएल लाठर ने बताया कि कई आपराधिक घटनाओं में पुलिस कार्मिकों की लिप्तता सामने आने पर उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई भी की गयी है। उन्होंने बताया कि पुलिस ने एक्साइज एक्ट, आर्म्स एक्ट, सभी प्रकार के माफियाओं तथा एनडीपीएस प्रकरणों में प्रो-एक्टिव होकर कार्रवाई की है। विभिन्न प्रकार के अपराधों में त्वरित अनुसंधान कर अपराधियों के खिलाफ चालान प्रस्तुत करने का प्रतिशत भी बढ़ा है।
प्रमुख शासन सचिव गृह अभय कुमार ने कहा कि सीसीटीएनएस व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ किया जा रहा है। साथ ही पुलिस अपनी कार्यप्रणाली में सूचना प्रौद्योगिकी का अधिक उपयोग कर रही है।
एडीजी क्राइम आरपी मेहरडा ने विभिन्न प्रकार के अपराधों तथा पुलिस द्वारा की गई त्वरित कार्रवाई की तुलनात्मक स्थिति पर विस्तृत प्रस्तुतीकरण दिया। एडीजी एसओजी एवं एटीएस  अशोक राठौड़ ने संगठित अपराधों, साइबर क्राइम एवं तस्करी के प्रकरणों में तथा कोरोना की दूसरी लहर के समय दवाओं एवं उपकरणों की कालाबाजारी के खिलाफ की गई कार्रवाई के बारे में बताया। एडीजी कानून-व्यवस्था सौरभ श्रीवास्तव ने प्रदेश में कानून-व्यवस्था की स्थिति से अवगत कराया।
           बैठक में एडीजी पुलिस मुख्यालय भूपेन्द्र दक एवं एडीजी इंटेलीजेंस उमेश मिश्रा सहित अन्य वरिष्ठ पुलिस अधिकारी भी मौजूद रहे।

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