सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

नर्सिंगकर्मी से अस्पताल में दुष्कर्म:कंपाउंडर ने चौंमू में अस्पताल में नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया, डॉक्टर के चैंबर में किया दुष्कर्म; बदनाम करने की धमकी भी दी

                     ।अशफाक कायमखानी।

जयपुर

जयपुर के बड़े अस्पताल में नौकरी दिलाने के बहाने एक नर्सिगकर्मी से दुष्कर्म किए जाने का मामला सामने आया है। पीड़िता को अस्पताल में बुलाकर डॉक्टर के चैंबर में ले जाकर दुष्कर्म किया गया। इतना ही नहीं, किसी को बताने पर उसे बदनाम करने की धमकी भी दी गई। चौंमू थाने में पीड़िता की ओर से कंपाउंडर महेंद्र चौधरी के खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई गई है। इस दौरान आरोपी फरार हो गया। फिलहाल, ACP चौंमू राजेंद्र सिंह को मामले की जांच सौंपी गई है।
श्रीमाधोपुर की रहने वाली 20 साल की पीड़िता ने रिपोर्ट में बताया कि महेंद्र चौधरी ने उसे चौंमू में बराला अस्पताल में नौकरी दिलाने की बात बोलकर बुलाया था। उसे चैंबर में ले गया था। चैंबर में कोई नहीं था। कुछ देर में डॉक्टर के आने की बात कहीं। इसके बाद उसे चैंबर में अच्छी नौकरी का झांसा देकर दुष्कर्म किया। किसी को बताने पर उसे बदनाम करने की धमकी दी। वह काफी डर गई। इसके बाद चुपचाप घर लौट गई। परेशान होकर उसने परिजनों से पूरी बात कहीं। तब परिजनों ने चौंमू थाने पहुुंच कर दुष्कर्म किए जाने का मामला दर्ज कराया।

तीन साल से दोनों परिचित

जांंच में सामने आया हैं कि महेंद्र चौधरी और पीड़िता दोनों तीन साल से परिचित हैं। महेंद्र चौधरी भी पीड़िता के गांव के पास में ही श्रीमाधोपुर का रहने वाला है। पीड़िता श्रीमाधोपुर में ही एक निजी अस्पताल में नौकरी करती है। जांच में पता लगा कि महेंद्र चौधरी कंपाउंडर है और वह अलग-अलग तीन अस्पतालों में नौकरी करता है। उसने पीड़िता को चौंमू के बराला अस्पताल में अच्छी नौकरी दिलाने के बहाने बुलाया। पीड़िता के रिपोर्ट दर्ज कराने के बाद आरोपी फरार हो गया। पुलिस मामले की जांच में जुटी है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...