।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
.कोराना की दूसरी लहर के प्रकोप का नुकसान उठा चुके राजस्थान प्रदेश की जनता की जागरूकता व सरकारी कोशिशो की बदोलत अब कोराना कंट्रोल मे आने लगा है। कोराना केयर सेंटर मे बेड खाली है वहीं अब खासतौर पर आक्सीजन व आईसीयू की मारामारी नही है।
प्रदेश में 31 मई को 1498 नए मामले सामने आए। यह आंकड़ा 2 अप्रेल के बाद सबसे कम है। इससे पहले 2 अप्रैल को 1422 मामले सामने आए थे। 31 मई को राजस्थान में 8385 मरीज रिकवर हुए। 31 मई को 68 मौतें दर्ज की गई। राजस्थान में अब 42654 एक्टिव केस। रिकवरी रेट भी राजस्थान का बढ़कर 94.57 प्रतिशत पर पहुंचा। एक भी जिले में 500 की संख्या में मामले नहीं। जयपुर एकमात्र जिला जहां 200 से ज्यादा मामले, जयपुर में सबसे ज़्यादा 220 मामले सामने आए। 27 जिलों में 100 से कम मामले। सिर्फ 6 जिलों में 100 से ज्यादा मामले। इनमें जयपुर के अतिरिक्त अलवर में 135, जोधपुर में 127, हनुमानगढ़ में 110, श्रीगंगानगर में 109 और झुंझुन में 104 मामले सामने आए। 24 जिलों में 50 से भी कम मामले। बड़े जिलों में बीकानेर में 65, कोटा में 42, उदयपुर में 37 और अजमेर में 19 मामले आए। 6 जिलों में 10 से भी कम मामले सामने आए। धौलपुर ऐसा जिला जहां 31 मई को कोरोना का एक भी मामला नहीं आया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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