।अशफाक कायमखानी।
जयपुर/अलवर
जब तक दसवीं पास नही तबतक शादी नही करने का प्रण लेने वाले राजस्थान के अलवर के रहने वाले 85 साल के शिवचरण यादव 10वीं पास होने के जुनून के लिए जाने जाते हैं। इस साल उनका ये जुनून पूरा भी हो गया क्योंकि इस बार कोरोना की वजह से बगैर परीक्षा दिए वह पास हो गए हैं।
48 बार फेल होने वाले शिवचरण इस साल 10वीं पास हो गए. अलवर जिले के रहने वाले शिवचरण राजस्थान बोर्ड ऑफ़ सेकंडरी एजुकेशन के लिए एक मिसाल हैं. उन्होंने तय कर रखा था कि वह जबतक पास नहीं होंगे शादी नहीं करेंगे। उनका कहना है कि उम्र मायने नहीं रखती है. वह पहली बार 1968 में 10वीं की परीक्षा में बैठे थे, वह फेल हो गए. इसके बाद से हर बार वह किसी विषय में पास होते तो किसी विषय में फेल हो जाते. गणित-विज्ञान में अच्छे नंबर मिलते तो हिंदी-अंग्रेजी में फेल हो जाते, यह लगातार हो रहा था.
वो बताते है कि साल 1995 में वह पास होने की कगार पर पहुंच गए थे लेकिन तब गणित में वह फेल हो गए. उस बार वह ट्यूशन भी पढ़े थे. वह अपने पैतृक आवास पर अकेले ही रहते हैं. उनका जीवन सरकार की तरफ से मिलने वाले वृद्धा पेंशन और मंदिर से मिलने वाले प्रसाद से ही चलता है।
इस साल कोरोना वायरस की वजह से राजस्थान सरकार ने निर्णय लिया कि बोर्ड परीक्षा में कोई भी स्टूडेंट फेल नहीं होगा. इसका फायदा शिवचरण को भी मिला और वह पास हो गए. अपने पास होने से उन्हें बहुत खुशी है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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