।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
अतिरिक्त मुख्य सचिव माइंस एवं पेट्रोलियम डाॅ. सुबोध अग्रवाल ने कहा है कि राजस्थान स्टेट गैस लिमिटेड द्वारा 11 सीएनजी स्टेशनों की स्थापना कर पीएनजी और सीएनजी वितरण का काम किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि इनमें से सात सीएनजी स्टेशन कोटा में काम करने लगे हैं वहीं एक सीएनजी स्टेशन नीमराना व एक सीएनजी स्टेशन कूकस में सीएनजी वितरण का काम कर रहा है। दो स्टेशन मध्यप्रदेश के ग्वालियर व शिवपुर में स्थापित किए गए हैं।
एसीएस डाॅ. अग्रवाल शुक्रवार को सचिवालय में आरएसजीएल की वर्चुअल बैठक ले रहे थे। उन्होंने कहा कि आरएसजीएल को सीएनजी-पीएनजी सेवाओं को विस्तारित करना होगा। उन्होंने कहा कि कोटा में स्थापित स्टेशनों से समयवद्ध कार्य योजना बनाकर घरेलू गैस वितरण व्यवस्था का दायरा बढ़ाया जाएं।
राजस्थान गैस लि. के प्रबंध संचालक मोहन सिंह ने बताया कि कोटा में 3 नए सीएनजी स्टेशनों की स्थापना का काम जारी है। उन्होंने बताया कि कोटा में पाइप लाईन से घरेलू गैस वितरण सुविधा से नए उपभोक्ताओं को जोड़ा जा रहा है।
एमडी मोहन सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश के ग्वालियर और शिवपुर में एक-एक सीएनजी स्टेशन स्थापित किए जा चुके हैं और अन्य कार्य जारी है।
राजस्थान माइंस एवं मिनरल लि. के एमडी श्री ओम कसेरा ने आरएसजीएल की गतिविधियां बढ़ाने के सुझाव दिए।
बैठक में गैल गैस के सीजीएम व आरएसजीएल के बोर्ड सदस्य कपिल जैन ने बताया कि ग्रीन एनर्जी के लिए पीएनजी सीएनजी आज की आवश्यकता हो गई है वहीं पाइप लाईन से गैस वितरण सिलेण्डर की लागत से भी सस्ती है।
बैठक में उपसचिव नीतू बारुपाल, वित विभाग के प्रतिनिधि संयुक्त सचिव बृजेश शर्मा, आरएसजीएल के शैलेस सुनागर, दीप्तांशु पारीक, गगनदीप राजोरिया और रवि अग्रवाल ने भी हिस्सा लिया।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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