।अशफाक कायमखानी।
फतेहपुर शेखावाटी-सीकर।
वैश्विक महामारी कोरोना संक्रमण कम करने हेतु पूर्व केंद्रीय मंत्री सुभाष महरिया एवं पूर्व विधायक फतेहपुर नंदकिशोर महरिया के आर्थिक सहयोग एवं निर्देशन में सुधीर महरिया स्मृति संस्थान एवं नेहरू युवा संस्थान द्वारा जिले के फतेहपुर शेखावाटी मे कोरोना पीड़ित एवं संदिग्ध मरीजों को निशुल्क मेडिसिन किट वितरित किये जा रहे हैं ।
राजस्थान की नामी गिरामी सामाजिक संस्था सुधीर महरिया स्मृति संस्थान निदेशक बी एल मील ने बताया कि गुरुवार एवं आज शुक्रवार को फतेहपुर क्षेत्र के गांव एवं शहर के वार्ड में जरूरतमंद परिवारों को चिकित्सक के परामर्श पर निशुल्क मेडिसिन किट दिए गए । मेडिसिन किट वितरण में बी एल मील, अमित तिवाड़ी, अंकित , सुभाष मील, शीशराम थोरी, पार्षद सुरेश चिरानिया , महावीर बालान सहित अनेक कार्यकर्ताओं ने सहयोग करते हुए चिकित्सीय परामर्श के बाद जरूरतमंद परिवारों के घर तक मेडिसिन किट पहुंचाये। कोरोना के बचाव हेतु उपाय एवं सावधानियां के लिए पंपलेट एवं अन्य प्रकाशित सामग्री भी घर- घर बांटी जा रही है |
संस्थान द्वारा गत 15 दिन में 1600 से ज्यादा मेडिसिन किट जरूरतमंद लोगों को वितरित किये गए हैं । अब तक 336 यूनिट प्लाज्मा कोरोना के गंभीर रोगियों को उपलब्ध करवाएं तथा रक्तदान के क्षेत्र में पिछले कई वर्षों से उल्लेखनीय कार्य करते हुए 150 से ज्यादा रक्तदान शिविर आयोजित कर 11 हजारों से ज्यादा यूनिट रक्तदान करवा कर जरूरतमंद रोगियों को उपलब्ध करवाने का कार्य किया है। गत वर्ष लॉकडाउन से लेकर अब तक 22500 से ज्यादा खाद्य सामग्री राशन किट एवं 32500 से ज्यादा संस्था द्वारा जरूरतमंद परिवारों को निशुल्क वितरित किए गए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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