लखनऊ पब्लिक स्कूल्स के संस्थापक प्रबंधक डॉ एस पी सिंह ने अपने स्कूलों के सभी डायरेक्टर्स और प्रिंसिपल्स के साथ वर्चुअल बैठक की जिसमें उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा जारी शासनादेश पर चर्चा हुई l जिसमें इस सत्र में बढ़ाई गई फीस के निर्णय को वापस लिया गया | चूंकि जनवरी, फरवरी तक पूरा स्कूल खुल गया था और यह लग रहा था कि अगला सत्र सामान्य रूप से चलेगा इसलिए केवल ट्यूशन फीस में मामूली लगभग 5 परसेंट की बढ़ोतरी की गई थी जिससे शिक्षकों एवं कर्मचारियों की थोड़ी वेतन वृद्धि की जा सके परन्तु अब शासन के निर्देशानुसार फीस ना बढ़ाने का निर्णय लिया गया है | इस संदर्भ में , डॉ एस पी सिंह ने एल. पी. एस. के सभी डायरेक्टर्स और प्रिंसिपल्स को यह निर्देश दिया है कि कंप्यूटर, साइंस, लाइब्रेरी, क्रीड़ा, वार्षिक समारोह तथा परीक्षा शुल्क तब तक नहीं लिया जाएगा जब तक स्कूल नहीं खुल जाते हैं l यह भी निर्णय लिया गया यदि किसी छात्र या छात्रा के माता-पिता कोविड-19 से दिवंगत हुए हैं तो उन्हें अतिरिक्त छूट दी जाएगी | ऑनलाइन क्लासेस 10 जून तक लगातार चलती रहेंगी l 11 जून से 20 जून तक ऑनलाइन समर एक्टिविटीज आयोजित कराई जाएंगी l 21 जून से फिर से ऑनलाइन क्लासेस शुरु कर दी जाएंगी l
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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