बेसवा के ग्रमीणों ने सरपंच जरीना की पहल पर अस्पताल को एम्बुलेंस व नकद पैसा देकर कोराना काल मे नैक कदम बढाया।



  
               ।अशफाक कायमखानी।
फतेहपुर (सीकर)।

                       कोविड-19 के प्रकोप से मानवीयता का परिचय देते हुये मानवता को बचाने के लिये अनेक लोग अपनी हैसियत से अधिक बढकर लोगो की मदद व अंशदान करने के लिये आगे आ रहे है। ताजा मामला फतेहपुर तहसील के बेसवा गावं की सरपंच जरीना खान के प्रोत्साहित करने पर ग्रामीणों ने स्थानीय चिकित्सा केंद्र को एम्बुलेंस व नकद पैसा दान करके नैक कदम आगे बढाकर इंसानियत की परिभाषा को चरित्र किया है।
          विश्व महामारी कोराना के भंयकर प्रकोप के चारो तरफ ढहाते कहर के बावजूद समाज में जागरूक लोग ऐसे भयावह हालात मे मदद के लिए आगे आना फरिस्तो से कम नही माना जा रहा है। गांव बेसवा की पंचायत सरपंच की प्रेरणा से भामाशाहओ ने आज दिल खोलकर कॉविड मरोजो के लिए सीएचसी को सभी मेडिकल उपकरणों से लैस एक एंबुलेंस , चार ऑक्सीजन कंसेंट्रेटर्स तथा दो लाख रूपए नगद की सहायता राशि तथा दस बैड का दान किया और साथ ही साथ छ:ऑक्सीजन कंसंट्रेटर इसी सप्ताह दान करने का भरोसा दिलाने की चारो तरफ सहरसा हो रही है। ग्रामीण शौकत खा कामरेड ने एक एंबुलेंस तथा एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान दिया  है। रियाद में रहने वाले बेस़वा निवासियों की बेसवा वेलफेयर सोसायटी की जिन्होंने दो लाख रूपए की नगद राशि उपलब्ध कराई तथा कमल कुल्हारी और बेसवा सरपंच जरीना खान ने भी एक एक ऑक्सीजन कंसंट्रेटर दान दिया। अजीज खान ने दस बैड उपलब्ध करवाए । इस अवसर पर डॉक्टर इदरीस तथा उनकी टीम का गावं वासियों ने इस संकट की घड़ी में धैर्य और संयम से काम करने को सहराया। हैं । बेसवा गावं के निवासी व भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरशद खान ने सभी दानदाताओं का आभार व्यक्त करते हुये लोगो दरियादिली और एकजूट होकर बीमारी से लड़ने की कोशिश कोरोना को हराने में मदद होना बताया। उन्होंने उम्मीद जताई कि जल्दी ही सीएचसी बेस़वा में कॉविड केयर सेंटर आरंभ होगा जिससे बेसवा तथा आस पड़ोस के गांवों को इलाज मिलने लगेगा।
                      फतेहपुर तहसील मे आबादी के हिसाब से सबसे बडे कायमखानी मुस्लिम बहुल बेसवा गावं की आला तालीम याफ्ता सरपंच जरीना ने अपने पहले सरपंच कार्यकाल से लेकर वर्तमान कार्यकाल मे पंचायत मे विकास के नये आयाम बनाये है। ग्रामीणों की खिदमत के लिये पग पग पर खड़ी रहकर पल पल सेवा करने के लिये अगुवा माने जाने वाली सरपंच जरीना खान कोराना काल मे भी हर समय ग्रामीणों के साथ खड़ी मिली है। उन्होंने प्रशासन व सरकार के अलावा ग्रामीणों के दान द्वारा कोविड से मुकाबला करने के साधन जुटाने मे पीछे नही रही है।
    


                  

कुल मिलाकर यह है कि आला तालीम याफ्ता सरपंच जरीना खान को अपनी उच्च शिक्षा की मदद के साथ साथ उनके पति भारतीय पुलिस सेवा के अधिकारी अरशद खान का भी समय समय पर मार्गदर्शन मिलते रहने से गावं का विकास लगातार तरक्की की पटरी पर सरपट दौड़ लगाने मे कामयाब होता दिख रहा है।कोराना की खतरनाक जारी दूसरी लहर मे सरपंच जरीना के नेतृत्व मे गावंवासी कड़ा मुकाबला करते हुये कोराना को हराने मे कामयाब हो रहे है।

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