।अशफाक कायमखानी।
सीकर।
कोराना महामारी के प्रकोप के चलते एक तरफ अपनों को खोने का गम है वही दूसरी तरफ अस्थि कलशों के हरिद्वार नहीं पहुंचाने की चिन्ता सताने लगी है। कोरोनाकाल में आमजन की लगातार बढ़ती चुनौतियों के बीच मोहन सिंह डोटासरा चेरिटेबल ट्रस्ट ने नई मुहिम अपने हाथ में ली है। इसके तहत पहले चरण में लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में अस्थि विसर्जन के लिए बैंक शुरू करने की योजना शुरू की है। इसके तहत सभी श्मशान घाट प्रबंधकों को अस्थि कलशों को सुरक्षित रखने को लेकर चर्चा की जाएगी। यदि कही कलशों को रखने के लिए जगह की कमी है तो जगह चिन्हित कर अस्थि कलशों को एक सुरक्षित स्थान पर रखवाया जाएगा। इसके बाद ट्रस्ट की ओर से सभी कलशों को हरिद्वार भी पहुंचाया जाएगा। ट्रस्ट की ओर से जल्द इसके लिए एक ट्रोल फ्री नंबर भी जारी किया जाएगा।
सीकर जिले में अभी किसी भी सामाजिक संगठन ने इस तरह की कवायद शुरू नहीं की है। आमजन की भावनाओं को समझते हुए ट्रस्ट ने यह मुहिम हाथ में ली है। ट्रस्ट सचिव अभिलाष डोटासरा का कहना है कि पहले इस योजना को लक्ष्मणगढ़ विधानसभा क्षेत्र में शुरू किया जाएगा। इसके बाद जिले के अन्य ब्लॉकों से भी अस्थि कलश मिलते है तो उनके भी बैंक में जमा करवाया जाएगा।
जाजोद में कोविड अस्पताल में दिए 20 बेड---
ट्रस्ट की ओर से पिछले दिनों जाजोद कोविड अस्पताल के लिए दो लाख रुपए की लागत से 20 बेड दिए थे। कुल तीस बेड मे बाकी दस बेड जाजोद के मरहूम इब्राहिम खा पहाड़ियान परिवार ने दिये थे। इससे जाजोद कोविड अस्पताल जिले में सबसे पहले शुरू हो सका। ट्रस्ट की ओर से गांवों को सेनेटाइज करवाने के साथ मास्क भी बंटवाए जा रहे हैं।
लाकडाउन की वजह से अस्थि कलश हरिद्वार नहीं पहुंच पा रहे हैं। कई लोग इसको लेकर बेहद चिन्तित भी है। ऐसे में ट्रस्ट ने अब अस्थि कलशों को अपने खर्चे पर हरिद्वार पहुंचाने की मुहिम शुरू की है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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