किसान कल मनाएंगे काला दिवस जिले में 11 टोल बूथ व गांव , शहर के मुख्य चौराहों पर करेंगे मोदी का पुतला दहन , किसान अपने घरों एवं वाहनों पर लगायेंगे काले झंडे।

          ।अशफाक कायमखानी।

सीकर।-

            संयुक्त किसान मोर्चा के राष्ट्रीय आह्वान अनुसार सीकर जिला संयुक्त किसान मोर्चा के तत्वाधान में  किसान आंदोलन को 6 माह पूरे होने के बाद भी किसानों की जायज मांगों को नहीं मानने पर 26-मई बुधवार को किसान काले दिवस के रूप में मनाएंगे।

        संयुक्त किसान मोर्चा प्रवक्ता बी एल मील ने बताया कि  जिले में संयुक्त किसान मोर्चा सीकर के तत्वाधान में अखिल भारतीय किसान सभा, भारतीय किसान यूनियन टिकैत  व अन्य किसान संगठनों, सीटू, ट्रेड यूनियन एवं अनेक सामाजिक संगठनों द्वारा संयुक्त रुप से बुधवार को काला दिवस मनाया जाएगा जिसमें कोविड-19 पालना करते हुए जिला मुख्यालय, जिले के सभी 11 टोल बूथ , शहर एवं गांव के सैकड़ों  मुख्य स्थानों पर किसान मोदी का पुतला दहन करेंगे।  किसान अपने घरों एवं वाहनों पर काले झंडे लगाकर अपना विरोध प्रदर्शित करेंगे।
      मंगलवार को अखिल भारतीय किसान सभा के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष अमराराम, प्रदेशाध्यक्ष पेमाराम, भारतीय किसान यूनियन के प्रदेश अध्यक्ष राजाराम मील , राष्ट्रीय सचिव झाबर सिंह घोसल्या, संयुक्त किसान मोर्चा संयोजक  पूरणमल सुंडा,  उस्मान खान ने जूम मीटिंग आयोजित कर  जिले के किसान एवं अन्य संगठन के प्रतिनिधियों के साथ वार्ता की तथा काला दिवस मनाने, विरोध प्रदर्शित करने के लिए जिले के 11 टोल बूथों एवं सैकड़ों पॉइंट चिन्हित कर अलग-अलग कार्यकर्ताओं की जिम्मेदारी तय की गई  | सभी किसान विरोध प्रदर्शन के वीडियो एवं फोटो को सोशल मीडिया पर अपलोड भी करेंगे ।

जबरन टोल खुलवाने की कुचेष्टा करने पर जिला प्रशासन के खिलाफ जताया आक्रोश

किसान नेताओं ने कार्यकर्ताओं के साथ हुई जूम मीटिंग में बताया कि तीनों काले कृषि कानूनों को वापिस लिए जाने की मांग के तहत किसानों ने सीकर के सभी 11 टोल बूथों को टोल मुक्त करवा रखा है लोक डाउन के दौरान किसानों ने भी लोक डाउन के नियमों की पालना करते हुए अपने अपने घरों में ही सोशल मीडिया के माध्यम से विरोध प्रदर्शन कर रहे थे ।एक तरफ जहां राज्य सरकार किसानों के हित में  तीनों काले कृषि कानूनों को रद्द करवाने हेतु किसानों का साथ दे रही है वहीं जिला प्रशासन कोविड-19 फायदा उठाकर जबरन टोल बूथों को चालू करवाने की कोशिश  कर रहा है । किसान नेताओं ने आक्रोश जताया है कि अगर प्रशासन टोल बूथों को जबरन खोलने की कुचेष्टा करेगा तो परिणाम उन्हें स्वयं भुगतना पड़ेगा।

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