।अशफाक कायमखानी।
जयपुर । सीआईडी क्राइम ब्रांच व नारकोटिक्स कंट्रोल ब्यूरो जोधपुर विंग ने गुरुवार को चित्तौड़गढ़ जिले में ओछ्ड़ी टोल नाका पर संयुक्त कार्रवाई कर एक ट्रक की तलाशी में 5 क्विंटल 65 किलो गांजा बरामद कर ट्रक में सवार तीन तस्करों को डिटेन किया। आम की पेटियों से भरे ट्रक की बॉडी में बने गुप्त बॉक्स में गांजा तस्करी कर सवाईमाधोपुर डिलीवरी दी जानी थी। बाद में एसीबी टीम ने सवाईमाधोपुर से दो खरीददारों को भी हिरासत में ले लिया। मामले में एनसीबी की टीम द्वारा कार्यवाही जारी है।
अतिरिक्त महानिदेशक पुलिस अपराध श्री रवि प्रकाश ने बताया कि ओछ्ड़ी टोल नाका पर टीम ने थाना खुनखुना, जिला नागौर निवासी तस्कर बदरूद्दीन पुत्र बिलाल खान (34) व हजरत अली पुत्र मो. रफीक (21) तथा थाना डेगाना, जिला नागौर निवासी गेना राम बावरी पुत्र बद्री राम (28) को डिटेन किया। एनसीबी द्वारा सवाईमाधोपुर में अवैध गांजा प्राप्त करने वाले रामअवतार पुत्र रामप्यारा जाट (41) निवासी गांव कुंडेरा, थाना कोतवाली, जिला सवाईमाधोपुर एवं राम प्रकाश पुत्र भंवर लाल जाट (34) निवासी थाना मूंडवा, जिला नागौर को सवाईमाधोपुर से डिटेन किया।
स्टेट क्राइम ब्रांच के आईजी श्री गौरव श्रीवास्तव ने बताया कि प्रदेश में सक्रिय मादक पदार्थ तस्करों के विरूद्ध कोरोना संक्रमण काल में डीएसपी पुष्पेन्द्र सिंह राठौड़ के दिशा निर्देशन तथा डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़ के नेतृत्व में सीआई राम सिंह व शिवदास एवं क्राइम ब्रांच की टीम की विगत् एक माह में यह पांचवीं बड़ी कार्रवाई है।
आसूचना संकलन व कार्रवाई में पुलिस टीम :- डीएसपी सूर्यवीर सिंह राठौड़, सीआई राम सिंह नाथावत व शिवदास मीणा तथा कांस्टेबल मुकेश सिंह, गंगाराम, विनोद कुमार, रामनिवास व अभिमन्यु कुमार सिंह।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ