इंशाअल्लाह सीकर से सर सैयद अहमद खां वाहिद चोहान जल्द स्वस्थ होकर अस्पताल से हमारे मध्य लोटकर फिर महिला शिक्षा को ऊंचाई देगे।
।अशफाक कायमखानी।
सीकर।
कोविड से प्रभावित होकर पीछले एक सप्ताह से मुम्बई के एक अस्पताल मे जेरे इलाज सीकर के सर सैयद अहमद खां के नाम से पुकारे जाने वाले वाहिद चोहान की सेहतयाबी के लिये उनके द्वारा संचालित एक्सीलेंस गलर्स स्कूल व कालेज से हजारो हजार पूरी तरह निशुल्क तालीम पाकर विभिन्न क्षेत्रो मे कामयाब होकर जाने के अलावा सकारात्मक बदलाव की बयार बहाने वाली एवं वर्तमान मे शिक्षा पा रही बेटियों ने उनके लिये दुवाओ के लिये हाथ उठाने से लगता है कि इंशाअल्लाह वाहिद चोहान जल्द ही पुरी तरह तंदरुस्त होकर सीकर आयेगे। वाहिद चोहान इससे पहले भी सऊदी अरब मे पवित्र यात्रा के समय गम्भीर बीमारी से ग्रस्त होने के बावजूद वो इलाज के बाद पुरी तरह बेहतर रुप से तंदुरुस्त होकर इन बेटियों की तालीम की मुहिम को आगे बढाने पाक परवरदिगार के करम से आये थे। इंशाअल्लाह चोहान फिर एक दफा बीमारी को मात देकर पुरी तरह तंदुरुस्त होकर अस्पताल से घर व फिर सीकर आयेगे।
पीछले एक सप्ताह पहले वाहिद चोहान के कोविड ग्रस्त होकर अस्पताल मे भर्ती होने का समाचार क्षेत्र के लोगो की जानकारी आने के साथ ही आम अवाम मे बैचेनी का माहोल बन गया था। हर तरफ उनकी सेहतयाबी के लिये दुवाऐ होने लगी। धार्मिक स्थलों पर अपने अपने मजहबी तरीको से उनकी सेहतयाबी के लिये दुवाओ का दौर लगातार जारी है।
हालांकि 1951 मे जन्मे वाहिद चोहान सतर साल के होने के बावजूद वो सीकर की बेटियों को आला तालीम के जेवर से आरास्ता करने की मुहिम उसी जौश व खरोश के साथ करते आ रहे है, जिस तरह आज के पेंतीस साल पहले उन्होंने इस मुहिम को शुरू किया था। वाहिद चोहान के अस्पताल मे भर्ती होने के बाद आम अवाम के अलावा उनकी शैक्षणिक बेदारी मुहिम के प्रशंसक व जानकर सेवा मे कार्यरत व सेवानिवृत्त अधिकारियों मे भी उनकी बीमारी को लेकर काफी बैचेनी देखने को मिल रही है।
कुल मिलाकर यह है सीकर के रहने वाले वाहिद चोहान ने मुम्बई मे अपने भवन निर्माण के काम से कमाये धन का उपयोग सीकर के बेटियों को अंग्रेजी माध्यम की निशुल्क शिक्षा मे खर्च करके क्षेत्र को गलर्स एजुकेशन का सिरमौर बनाकर सकारात्मक बदलाव लाकर जो तीस सालो मे करके दिखाया है वो सदियो मे होना मुश्किल लगता है। वाहिद चोहान के खिदमत ऐ खल्क की भावना से ओतप्रोत होना जैसा उदाहरण अन्य मिलना वर्तमान समय मे टेढी खीर माना जा रहा है।
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