लखनऊ, एल.पी.एस.डायरेक्टर नेहा सिंह द्वारा आयोजित फ्लोरेसेन्स आर्ट गैलरी के तत्वावधान में क्रिएटर - इन डिफरेंटपर्सपेक्टिव ऑनलाइन राष्ट्रीय कला शिविर का समापन हुआ। यह ऑनलाइन कला शिविर पिछले दिनों 9 मार्च से शुरू किया गया था। और शिविर के बीच मे ऑनलाइन माध्यम से कलाकारों के स्टूडिओं का भी अवलोकन किया गया।
इस अवसर पर शिविर के सभी प्रतिभागी कलाकार और गैलरी के सभी सदस्य जुड़ें साथ ही कलाकारों से एक संवाद भी स्थापित किया गया। नेहा सिंह ने कहा कि कला के तमाम माध्यमों में कार्य कर रहे खास तौर पर स्वतंत्र कलाकारों को उनकी कला के लिए हमेशा अनेक गतिविधियों के माध्यम से प्रेरित और प्रोत्साहित करते रहेंगे।
फ्लोरेसेन्स आर्ट गैलरी कलाकार और कला प्रेमियों के बीच एक संबंध स्थापित करेगी। और आम लोगों को समकालीन कला से जोड़ने की दृष्टि से एक बेहतर योजना भी बना रही है।
और आज इसी कड़ी में जो पहली शुरुआत क्रिएटर - इन डिफरेंटपर्सपेक्टिव ऑनलाइन कला शिविर से हुआ है हमें इस बात की बहुत खुशी है कि इस शिविर में देश के 10 युवा और समकालीन कलाकार शामिल हुए। जिन्होंने अपने जीवन का उद्देश्य ही कला को बनाया है और लगातार इस क्षेत्र में अपना सकारात्मक योगदान दे रहे हैं। हम आगे ऐसे कलाकारों को सदैव प्रोत्साहित करते रहेंगे।
इस शिविर के क्यूरेटर भूपेंद्र कुमार अस्थाना ने विस्तार में बताया कि शिविर में देश के विभिन्न राज्यों से 10 कलाकारों की भागीदारी रही।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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