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कांग्रेस नेता राहुल गांधी के दो दिवसीय दौरे से राजस्थान की कांग्रेस राजनीति मे बहुत कुछ तय होगा।

 


                ।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।

                    हालांकि राहुल गांधी की रिलोंचींग के लिये भारत मे चल रहे किसान आंदोलन के बहाने दिल्ली के लगते प्रदेशो मे कांग्रेस उनके लिये किसान सम्मेलन आयोजित करके मई-21मे उन्हें फिर से पार्टी अध्यक्ष बनाने का प्लान लगभग तय चुकी है। दिल्ली की सीमाओं पर किसानों के आकर डटने के पहले राहुल गांधी ने कांग्रेस शासित पंजाब मे किसान सम्मेलन व ट्रेक्टर रैली की एवं अब दुसरे कांग्रेस शासित राज्य राजस्थान मे दो दिवसीय 12-13 फरवरी को आकर किसान सम्मेलन व ट्रेक्टर रैली करेगे। लेकिन राजस्थान के राहुल गांधी के पहले के हुये दौरे के समय कांग्रेस नेता सचिन पायलेट प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के साथ साथ उपमुख्यमंत्री पद पर होने के कारण वो एवं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत राहुल गांधी के अगल बगल मे सभाओ के मंच पर बैठे नजर आते थे। अब पायलट मात्र साधारण विधायक है। देखना होगा कि राहुल गांधी अपने उक्त राजस्थान दौरे मे पायलट को कितनी अहमियत देते है या फिर अशोक गहलोत की चली चाल के अनुसार उनको अहमियत एक साधारण कांग्रेस नेता की तरह मिलती है। जबकि इसके मध्य राहुल गांधी के होने वाले इस दौरे के तहत सचिन पायलट स्वयं चलकर दौरे की तैयारियों का जायजा लेने आये प्रभारी महामंत्री अजय माखन से मिलने कल किशनगढ़ एयरपोर्ट पहुंचे है।
                   राहुल गांधी के होने वाले दौरे के पहले सचिन पायलट से उनके जयपुर स्थित सरकारी आवास पर उनके समर्थक अधीकांश विधायक मिल चुके है। उनके मध्य क्या व्यू रचना रची गई है उसका खुलासा तो नही हुवा लेकिन उन विधायकों की नजर इस बात पर जरूर है कि गांधी के उक्त दौरे के समय मंच पर पायलट को जगह कहा मिलती है एवं गांधी उन्हें कितनी अहमियत देते है। पीछले साल के मध्य मे सचिन पायलट के नेतृत्व मे कांग्रेस के उन्नीस विधायकों ने गहलोत के नेतृत्व व उनके कामकाज के तरीकों के खिलाफ एक तरह से बगावत करते हुये दिल्ली कुच किया था। अफवाह तो यहां तक तक चली की वो भाजपा से मिलकर गहलोत सरकार का तख्ता पलट करने वाले थे। इस मामले को गरमा कर गहलोत पायलट को प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष व उपमुख्यमंत्री पद से एवं उनके समर्थक दो मंत्रियों को मंत्रिमंडल से हटवाने मे कामयाब रहे थे। पायलट समर्थक विधायकों के गुडगाँव की एक होटल मे भाजपा की देखरेख मे कई दिनो तक ठहरे रहने व लम्बे चले घटनाक्रम के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की कोशिशों से पायलट व उनके समर्थक विधायकों की वापसी हो पाई थी। इनकी वापसी के बावजूद इनको हटाये गये पदो पर फिर से अभी तक बहाल नही किया गया है।
                       कुल मिलाकर यह है कि राहुल गांधी के कल से राजस्थान का होने वाले दो दिवसीय दौरे मे पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को उनकी सभाओ मे मंच पर जगह कहा मिलती है एवं वो उन्हें कितनी अहमियत देते है। इससे राजस्थान मे कांग्रेस राजनीति की भविष्य मे लेने वाली करवट का संकेत जरूर मिलता नजर आयेगा।


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