।अशफाक कायमखानी।
जयपुर।
राजस्थान के कोटा कुन्हाड़ी पुलिस द्वारा की गई एक एनडीपीएस की कार्यवाही के मामले में बेहद सनसनीखेज खुलासा हुआ है मामले में गिरफ्तार किया गया आरोपी झालवाड़ जिले के असनावर उपखण्ड अधिकारी (SDM) का ड्राइवर निकला।
SDM का ड्राइवर होने की जानकारी मिलने के बाद एक बार तो पुलिस भी भौचक्की रह गयी की किस तरह सरकारी नौकरी करने वाला एक प्रशासनिक अधिकारी का ड्राइवर गांजा तस्करी में शामिल है ।
मामले पर जानकारी देते हुए नयापुरा थानाधिकारी भवानी सिंह ने बताया कि झालवाड़ के असनावर के SDM के ड्राइवर ओम प्रकाश सोनी को साढ़े तीन किलो गांजे के साथ गिरफ्तार किया गया है। दरसअल 2 फरवरी को कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने डाबी रोड से एक गांजा तस्कर इरशाद अली को गांजे के साथ गिरफ्तार किया था जिसने पूछताछ में बताया था कि वह झालवाड़ निवासी ओम प्रकाश सोनी से ये गांजा लेकर आया है जिसपर कुन्हाड़ी थाना पुलिस ने झालवाड़ से ओम प्रकाश सोनी को गिरफ्तार किया जिसके पास साढ़े तीन किलो गांजा बरामद हुआ।
ओम प्रकाश को गिरफ्तार करने पर खुलासा हुआ है कि वह असनावर के SDM का सरकारी ड्राइवर है जो वर्ष 2014 से सरकारी नौकरी में है।
जिसपर कुन्हाड़ी पुलिस ने नारकोटिक्स पदार्थ तस्करी के आरोप में ड्राइवर ओम प्रकाश को गिरफ्तार कर लिया और फिर मामले के जांच अधिकारी नयापुरा थानाधिकारी भवानी सिंह ने उसे आज एनडीपीएस कोर्ट में पेश किया जहां से कोर्ट ने उसे जेल भेजने के आदेश कर दिए।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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