नयी दिल्ली, : कांग्रेस ने अपनी शीर्ष नीति निर्धारण इकाई
कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) की बैठक के बाद शुक्रवार को कहा कि
पार्टी अध्यक्ष का चुनाव इस साल जून में कराया जाएगा।
हालांकि,
पार्टी ने कार्य समिति के चुनाव को लेकर अभी स्थिति स्पष्ट नहीं की है।
पत्र विवाद से जुड़े नेता यह मांग कर रहे हैं कि सीडब्ल्यूसी का भी चुनाव
होना चाहिए।
पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल के मुताबिक, कांग्रेस के
केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने मई में संगठन के चुनाव कराने की पेशकश की थी,
लेकिन सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने पांच प्रदेशों के विधानसभा चुनाव के
मद्देनजर इस कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव का आग्रह किया।
उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘‘जून, 2021 में कांग्रेस का निर्वाचित अध्यक्ष होगा।’’
पार्टी के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने संवाददाताओं से
कहा, ‘‘विधानसभा चुनाव होने के कारण सीडब्ल्यूसी के सदस्यों ने सोनिया
गांधी जी से आग्रह किया कि इस कार्यक्रम में थोड़ा बदलाव किया जाए। इसलिए
यह चुनाव जून में होगा।’’
उन्होंने कहा कि चुनाव कार्यक्रम के बारे में जल्द जानकारी दी जाएगी।
सीडब्ल्यूसी के चुनाव के बारे में पूछे जाने पर वेणुगोपाल ने कहा कि
पार्टी के संविधान के मुताबिक इस पर विचार किया जाएगा और जल्द फैसला होगा।
पार्टी के वरिष्ठ नेता मधुसूधन मिस्त्री की अध्यक्षता वाले
केंद्रीय चुनाव प्राधिकरण ने कांग्रेस अध्यक्ष समेत संगठन का चुनाव
तमिलनाडु, केरल, पश्चिम बंगाल, असम और पुडुचेरी के विधानसभा चुनाव के बाद
मई में कराने का प्रस्ताव रखा था।
चुनाव प्राधिकरण ने 29 मई को अधिवेशन कराए जाने की भी पेशकश की थी।
गौरतलब है कि पिछले लोकसभा चुनाव में कांग्रेस की हार के बाद
राहुल गांधी ने अध्यक्ष पद से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद सोनिया गांधी
को अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई थी।
बिहार विधानसभा चुनाव और कुछ राज्यों के उप चुनावों में कांग्रेस
के निराशाजनक प्रदर्शन के बाद गुलाम नबी आजाद और कपिल सिब्बल जैसे कुछ
वरिष्ठ नेताओं ने पार्टी के सक्रिय अध्यक्ष की नियुक्ति की मांग उठाई।
वैसे, कांग्रेस नेताओं का एक बड़ा धड़ा लंबे समय से इस बात की पैरवी कर
रहा है कि राहुल गांधी को फिर से कांग्रेस की कमान संभालनी चाहिए।
कांग्रेस महासचिव रणदीप सुरजेवाला ने हाल में कहा था कि कांग्रेस के 99.99
प्रतिशत लोग चाहते हैं कि राहुल गांधी फिर से उनका नेतृत्व करें।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
टिप्पणियाँ