सीधे मुख्य सामग्री पर जाएं

अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक सेवा काल व उससे पहले व बाद से लगातार खिदमत ऐ-खल्क मे लगे रहते आये।

 
              


      

                  ।अशफाक कायमखानी।
         डीडवाना।नागौर।

                                  राजस्थान के नागौर जिले की डीडवाना तहसील के निम्बी गावं के साधारण परिवार मे पैदा हुये मुमताज खान शुरुआत से पढने मे होशियार तो थे ही। पर उसके साथ साथ उनके जहन मे कुदरत ने बचपन से लेकर अबतक खिदमत ऐ खल्क का जज्बा कूट कूट कर भर रखा था। जिसके चलते उन्होंने अपनी पुलिस सेवा के कर्तव्य को पुरा करते हुये जो समय बचता था उसका भरपूर खिदमत ऐ खल्क मे लगाने से उशके उक्त रास्ते से अनेक लोगो के जीवन मे सकारात्मक बदलाव आना देखा गया है।
                पहले प्रयास मे पुलिस सेवा मे सब इंस्पेक्टर पद पर चयनित होकर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक पद से सेवा निवृत्त होने वाले मुमताज खानने अपने पीता मरहूम वाजिद खान निंबी खुर्द की याद में कायमखानी छात्रावास डीडवाना में निर्माणाधीन नये डायनिंग हॉल, आधुनिक मैस, वार्डन हाउस और गेस्ट हाउस बाबत ₹1,00,000 (एक लाख रुपए) का चेक हॉस्टल समिति के खाते में जमा कराकर महत्वपूर्ण योगदान देने की सीलसीला शुरु करके एक सकारात्मक संदेश दिया है।
    सेवानिवृत्त अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुमताज खा ने
डीडवाना स्थित इसी कायमखानी छात्रावास में लम्बे समय रहते हुए 1982 में B.Sc. की  फिर राजस्थान यूनिवर्सिटी से M.Sc. की।  विद्यार्थी जीवन में आपने अपनी कक्षा में Topper रहे 10th में भी अपने स्कूल को टॉप किया । पुलिस विभाग में आपका नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं । विभाग में आपने एक बेहतरीन अफसर होने की छाप छोड़ी। आपकी काबिलियत वफादारी के कारण ही विभाग के आला अधिकारी आपकी बहुत इज्जत करते हैं व आप पर विश्वास करते हैं ।मुमताज खां ने डीडवाना की बाँगड क़ोलेज मे एन.सी.सी. के सीनियर अण्डर ओफिसर भी रहे।1990 के दशक में गठित MES के सँस्थापको में आपका शुमार है व MES द्बारा की गई नागौर जिले की पहली कायमखानी जनगणना का कनसेप्ट भी आपका ही था,जिससे कायमखानियो को OBC में शामिल होने मे बड़ी मदद मिली। समाज की रहबरी, विशेषकर शिक्षा स्वास्थ्य व रोजगार के लिए आप बहुत चिंतनशील रहते हुये अनेक कदम उठाये हैं मुमताज खान को राजस्थान मे समुदाय मे थींक टैंक माना जाता है। कौमी काम के लिये मुमताज खां की लगन , तत्परता व जोश काबिले मिसाल है।
                कुल मिलाकर यह है कि मुमताज खा अपने अबतक के जीवन मे युवा व छात्र पीढी को गाईड करने के अलावा विभिन्न तरह की जायज व सकारात्मक मदद करते आये है। अपनी पुलिस सेवा मे भी सरकारी सेवा का  कर्तव्य निभाते हुये मिलने वाले अतिरिक्त समय को खिदमत ऐ खल्क मे लगाते आये है। समुदाय को अब भी इनसे काफी उम्मीदे है।

टिप्पणियाँ

इस ब्लॉग से लोकप्रिय पोस्ट

वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

इफ्तार पार्टियों का आयोजन लगातार जारी।

  सीकर-राजस्थान।        जनपद मे माहे रमजान शुरू होने के साथ ही अनेक सामाजिक व शेक्षणिक संस्थाओं के अलावा व्यक्तिगत लोगो द्वारा इफ्तार का आयोजन का सीलसीला जारी है।    इस सीलसीले के तहत सीकर शहर मे आज इतवार को सीकर में पंचायत शेखावाटी लीलगरान और युवा कमेटी की तरफ से रोजा इफ्तार पार्टी का आयोजन सय्यदा मस्जिद फतेहपुर रोड़ भैरुपुरा कच्चा रास्ता सीकर में किया गया। ,जिसमे सैकड़ों रोजेदारों ने शिरकत की और प्रदेश में अमन चैन की दुआ मांगी,इफ्तार के बाद मगरिब की नमाज पढ़ी गई।

सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले मुस्लिम विरोधी हिंसक तत्वों का मनोबल बढ़ाने वाले हैं- शाहनवाज़ आलम

  नयी दिल्ली, 9 मार्च 202 5. न्यायालयों द्वारा पिछले कुछ दिनों से दिए गए विवादित फैसलों से यह संदेश जा रहा है कि मई में आने वाले सुप्रीम कोर्ट के नए मुख्य न्यायाधीश पर आरएसएस और भाजपा अपने सांप्रदायिक एजेंडे के पक्ष में दबाव डालने की रणनीति पर काम कर रहे हैं. सेकुलर सियासी दलों और नागरिक समाज को इन मुद्दों पर मुखर होने की ज़रूरत है. ये बातें अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सचिव शाहनवाज़ आलम ने साप्ताहिक स्पीक अप कार्यक्रम की 185 वीं कड़ी में कहीं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के जज का किसी को मियां तियाँ और पाकिस्तानी कहने को अपराध नहीं मानना साबित करता है कि सुप्रीम कोर्ट के कुछ जज मुस्लिम विरोधी हिंसा में हिंसक तत्वों द्वारा प्रतुक्त होने वाली इन टिप्पणियों को एक तरह से वैधता देने की कोशिश कर रहे हैं. इस फैसले के बाद ऐसे तत्वों का न सिर्फ़ मनोबल बढ़ेगा बल्कि वो इसे एक ढाल की तरह इस्तेमाल करेंगे और पुलिस में शिकायत दर्ज कराने जाने वाले पीड़ित मुस्लिमों का मुकदमा भी पुलिस नहीं लिखेगी. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि इससे पहले भी मस्जिद के अंदर जबरन घुसकर जय श्री राम के ना...