ए.एफ.टी.बार एसोसिएशन की प्रबंध-कार्यकारिणी वर्ष 2020-21 के चुनाव से संबंधित चुनाव समिति की बैठक चुनाव कार्यालय में मुख्य चुनाव अधिकारी विजय कुमार पाण्डेय की अध्यक्षता में आहूत की गई जिसमें ए.आर.ओ. आशीष कुमार सिंह, धीरेन्द्र कुमार अग्निहोत्री और मनोज कुमार अवस्थी की उपस्थिति में प्रत्यासियों की अंतिम सूची जारी की गई जिसमें अध्यक्ष पद हेतु भानु प्रताप सिंह और विशाल भटनागर, उपाध्यक्ष पद हेतु श्रीमती दीप्ति प्रसाद बाजपेयी विंग कमांडर सुरेन्द्र नाथ द्विवेदी (रि०), सचिव पद हेतु अरुण कुमार साहू, शैलेन्द्र कुमार सिंह, संयुक्त-सचिव पद हेतु अशोक कुमार, धर्मराज सिंह, कोषाध्यक्ष पद हेतु कविता सिंह, श्याम सुंदर बाजपेयी, प्रबंध-कार्यकारिणी सदस्य हेतु अंकुर सक्सेना, चंद्र भान, दीपक कुमार, गिरीश तिवारी, डा० ज्ञान सिंह, लाल चंद्र साहू, रवि कुमार यादव, शशांक कुमार और विश्वास कुमार प्रत्यासी घोषित किए गए l 
    रिटर्निंग आफिसर विजय कुमार पाण्डेय ने बताया कि कोई भी उम्मीदवार निर्विरोध नहीं हो सकता क्योंकि नोटा सबके विरुद्ध प्रत्यासी होता है इसलिए सभी पदों पर नोटा एक प्रत्यासी के रूप में चुनाव लडेगा और उसका प्रभाव एक प्रत्यासी की ही तरह होगा l
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
  नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव  शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ  विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और  विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने  सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस  अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़  आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ  पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले  संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया  है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं  है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल  तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने  के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़  आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई  संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...

टिप्पणियाँ