।अशफाक कायमखानी।
सिविल सर्विस परीक्षा की टॉपर रही टीना डाबी एक बार फिर सुर्खियों में आ गई हैं. टीना डाबी ने अपने बैच के IAS अतहर आमिर के साथ शादी की थी. युवा IAS दंपती ने तलाक की अर्जी दायर कर दी है. IAS टॉपर टीना डाबी और उनके पति अतहर आमिर ने जयपुर के फैमिली कोर्ट-1 में म्यूचअल तौर पर तलाक की अर्जी दायर कर दी है.
अर्ज़ी में कहा गया है कि हम आगे साथ नहीं रह सकते. ऐसे में कोर्ट हमारी शादी को शून्य घोषित करें. मालूम हो कि दोनों 2016 बैच के आईएएस अधिकारी हैं. वर्तमान में टीना -संयुक्त शासन सचिव वित्त ( कर) विभाग जयपुर में संयुक्त सचिव और आमिर सीईओ ईजीएस के पद पर कार्यरत हैं. 2018 में दोनों की शादी काफी चर्चित रही थी. यूपीएससी सिविल सेवा परीक्षा 2015 की टॉपर रही टीना ने अप्रैल 2018 में अतहर से शादी की थी. कश्मीर के अतहर ने यूपीएससी परीक्षा 2015 में दूसरा स्थान प्राप्त किया था. टीना और अतहर दोनों राजस्थान कैडर के अधिकारी हैं. कहा जाता है कि दोनों की नजदीकियां ट्रेनिंग के दौरान बढ़ी थींं.
वर्ष 2015 की अखिल भारतीय सेवा टॉप करने वाली टीना डाबी और इसी परीक्षा में दूसरी रैंक पर रहे अतहर आमिर अपनी ट्रेनिंग के दौरान इस दूसरे के प्यार में पड़ गए. एक साल की रिलेशनशिप के बाद दोनों ने वर्ष 2018 में शादी भी कर ली, लेकिन अब यह आईएएस जोड़ा आपसी सहमति से अलग हो रहा है. टीना डाबी और उनके पति अतहर आमिर की ओर से शहर के पारिवारिक न्यायालय में विवाह विच्छेद की संयुक्त अर्जी पेश कर तलाक की डिक्री जारी करने की गुहार की है.
अदालत आगामी दिनों में इस प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करेगी. प्रार्थना पत्र में कहा वे दोनों पिछले लंबे समय से अलग रह रहे हैं. इसके अलावा अब वे अपने विवाह को आगे जारी नहीं रखना चाहते. इसके उनके विवाह विच्छेद की डिक्री पारित की जाए.
बता दें की टीना के पति ने कुछ महीनों पहले टीना को अपने सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर अनफॉलो कर दिया था. इसके बाद टीना ने भी अपने पति अतहर को अपने ट्वीटर से अनफॉलो कर दिया था. शादी के बाद अपने नाम के आगे खान सरनेम लिखने वाली टीना ने कुछ दिनों पहले खान सरनेम हटाने के साथ ही अपने इंस्टाग्राम बायो से कश्मीरी बहु शब्द भी हटा दिया था.
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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