जयपुर।
दलबदल कानून के तहत राजनीतिक दल से जीते विधायको को एक कानून के दायरे मे बांधते हुये विधायक काल पुरा करने तक उन्हें शर्तो से बांधा गया है। उसी तरह निर्दलीय विधायकों को भी कुछ शर्तों के तहत बांधा गया है। निर्दलीय विधायक किसी भी राजनीतिक दल मे शामिल नही हो सकता है।वह उस कार्यकाल मे निर्दलीय विधायक बने रहकर ही अपना कार्यकाल पुरा कर सकता है।
राजस्थान के वर्तमान कुल तेराह निर्दलीय विधायको मे से दस निर्दलीय विधायक गहलोत घटक के समर्थन मे। उनको इस तरह की आजादी भी मिली हुई है कि वो किसी भी दल का समर्थन कर सकते है लेकिन किसी दल विशेष के पार्टी स्तर के कार्यक्रमो मे भाग नही लेने की शर्त उन पर लागू होना बताते है। जबकि संयम लोढा, महादेव सिंह, बाबूलाल नागर , राजकुमार, आलोक बेनीवाल, बलजीत यादव, कांतिलाल मीणा सहित सहित दस निर्दलीय विधायक मुख्यमंत्री निवास व होटल के बाड़ेबंदी मे आयोजित होने वाली कांग्रेस विधायक दल की बैठक मे शामिल श होने से प्रतीत होता है कि वो निर्दलीयों विधायक की बजाय अन्य दल की कार्यवाही मे हिस्सा लेकर वो किसी खास के विधायक होना अधिक पसंद कर रहे है।
कुल मिलाकर यह है कि कांग्रेस विधायक दल की बैठको मे दस निर्दलीय विधायकों के शामिल होते रहने को लेकर कुछ लोग उनकी सदस्यता को खत्म कराने को लेकर अदालत का दरवाजा खटखटाया जा सकता है।
वक़्फ़ संशोधन बिल के विरोधियों को लखनऊ पुलिस द्वारा भेजा गया नोटिस असंवैधानिक, सुप्रीम कोर्ट ले एक्शन- शाहनवाज़ आलम
नयी दिल्ली, 11 अप्रैल 2025 . कांग्रेस के राष्ट्रीय सचिव शाहनवाज़ आलम ने उत्तर प्रदेश पुलिस पर वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ विचार रखने वाले नागरिकों के संविधान प्रदत्त अभिव्यक्ति की आज़ादी और विरोध करने के मौलिक अधिकारों के हनन करने का आरोप लगाया है. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट से अपने फैसलों की अवमानना पर स्वतः संज्ञान लेकर दोषी पुलिस अधिकारियों के खिलाफ़ कार्यवाई की मांग की है. शाहनवाज़ आलम ने जारी प्रेस विज्ञप्ति में कहा है कि लखनऊ के कई नागरिकों को लखनऊ पुलिस द्वारा उनकी तरफ से वक़्फ़ संशोधन विधेयक के खिलाफ़ होने वाले संभावित प्रदर्शनों में शामिल होने का अंदेशा जताकर उन्हें नोटिस भेजा गया है. जबकि अभी नागरिकों की तरफ से कोई विरोध प्रदर्शन आयोजित हुआ भी नहीं है. सबसे गम्भीर मुद्दा यह है कि इन नोटिसों में नागरिकों को अगले एक साल तक के लिए उनसे शांति भंग का खतरा बताते हुए 50 हज़ार रुपये भी जमा कराने के साथ इतनी धनराशि की दो ज़मानतें भी मांगी जा रही हैं. शाहनवाज़ आलम ने कहा कि यूपी पुलिस यह कैसे भूल सकती है कि उसकी यह कार्यवाई संविधान के अनुच्छेद 19 का उल्लंघन है जो नागर...
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