जयपुर।
राजस्थान सरकार किसानों की कर्जमाफी करने के बजाय कृषि क्षेत्र की बिजली हरियाणा व पंजाब सरकार की तरह मुफ्त कर देती तो आज सरकार काफी फायदे मे रह सकती थी।
किसानों को बिजली चोर साबित करने के लिये विधुत विभाग का लम्बा चोड़ा लवाजमा रात दिन वीसीआर भरने मे लगा होने के बावजूद विधुत विभाग घाटे से उभर नही पा रहा है। यानि विभाग का खर्चा अधिक व आमदनी कम होने का परिणाम साफ नजर आ रहा है।
विधुत विशेषज्ञ अनुसार अगर राजस्थान सरकार किसानों को कृषि के लिये बिजली मुफ्त देती है तो पांच साल का सरकार पर अधिकतम साढे पांच हजार करोड़ रुपयो का भार आता है। जबकि राजस्थान सरकार ने किसानों का साढे गयारह हजार करोड़ से अधिक का कर्ज पिछले पांच साल मे माफ कर चुकी है। फिर भी कर्ज माफी की मांग निरंतर जारी है कि विभिन्न राष्ट्रीय कृत बैंको से लिया गया कर्ज भी माफ करे।
राजस्थान सरकार को कृषि के लिये खर्च होने वाली बिजली का कुल आंकलन करने के साथ साथ रकम कलेक्शन करने मे आने वाले खर्च मे कर्जमाफी की राशि को मिलाकर तुलनात्मक आंकलन करके किसानों का कर्ज माफ करने की बजाय उन्हे बिजली फ्री देने पर विचार करना चाहिए।
।अशफाक कायमखानी। चूरु।राजस्थान। राज्य सरकार द्वारा चूरु शहर स्थित अल्पसंख्यक छात्रावास के लिये बजट आवंटित होने के बावजूद जमीन नही होने के कारण निर्माण का मामला काफी दिनो से अटके रहने के बाद डा.खानू खान की कोशिशों से जमीन आवंटन का आदेश जारी होने से चारो तरफ खुशी का आलम देखा जा रहा है। स्थानीय नगरपरिषद ने जमीन आवंटन का प्रस्ताव बनाकर राज्य सरकार को भेजकर जमीन आवंटन करने का अनुरोध किया था। लेकिन राज्य सरकार द्वारा कार्यवाही मे देरी होने पर स्थानीय लोगो ने धरने प्रदर्शन किया था। उक्त लोगो ने वक्फ बोर्ड चैयरमैन डा.खानू खान से परिषद के प्रस्ताव को मंजूर करवा कर आदेश जारी करने का अनुरोध किया था। डा.खानू खान ने तत्परता दिखाते हुये भागदौड़ करके सरकार से जमीन आवंटन का आदेश आज जारी करवाने पर क्षेत्रवासी उनका आभार व्यक्त कर रहे है।
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