जयपुर व जैसलमेर की होटल्स की बाड़ेबंदी मे बंद रहे विधायको द्वारा संजोए सपने अब उन्हें सताने लगेगे।


जयपुर।
                 मुख्यमंत्री अशोक गहलोत द्वारा हमेशा की तरह उनके मुकाबिल खड़े होने वाले सम्भावित कांग्रेस नेताओं को एक एक करके राजनीतिक तौर पर किनारे लगाने मे अब तक उनको मिलती रही सफलता को याद करते हुये जयपुर व जैसलमेर की होटलो मे जनता के धन की बदौलत बाड़ेबंदी मे बंद अनेक कांग्रेस व समर्थक विधायको ने पूर्व उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट को कांग्रेस से बाहर का रास्ता मुख्यमंत्री गहलोत द्वारा दिखाना मानकर स्वयं के मंत्रीमण्डल मे जगह मिलने के साथ साथ मलाईदार विभाग पाने के जो सपने संजोए थे वो सो सूनार की ओर एक लुहार की चोट की तरह सचिन पायलट के वापस कांग्रेस मे आने के बाद अब उन्हें सताने लगगे।
                पत्रकार से कांग्रेस विधायक बनने के बाद पीछली दफा टिकट नही मिलने पर कांग्रेस उम्मीदवार के सामने आकर निर्दलीय तौर पर चुनाव लड़कर विधायक बने एक निर्दलीय विधायक बाड़ेबंदी मे रहकर इस तरह उछलकूद मचा रहे थे मानो उनको मंत्री बनने के अलावा मलाईदार विभाग मिलने का ऊपर से सर का इशारा मिल चुका है। बताते है कि उक्त निर्दलीय विधायक के अलावा कांग्रेस सरकार मे एक के राजस्थान सरकार मे व दुसरे के केंद्र की कांग्रेस सरकार मे मंत्री पद का सूख भोगने के बावजूद कांग्रेस जैसी माई बाप के फैसले के मुताबिक़ बनाये उम्मीदवारों के सामने आकर चुनाव लड़कर निर्दलीय बने विधायको ने तो अपने अपने समर्थकों को स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बाड़बंदी से स्वतंत्र होने के बाद कभी भी होने वाले मंत्रीमंडल विस्तार मे मंत्री बनकर पायलट समर्थक बर्खास्त मंत्रियों के विभाग मिलने की सम्भावना तक जता दी बताते है।
               जयपुर-जैसलमेर की होटल्स मे करीब 35-36 दिन बाड़ेबंदी मे बंद रहकर सचिन पायलट व उनके अन्य 18-समर्थक विधायको की कांग्रेस से बाहर जाने का समय से पहले पुख्ता मानकर सपने संजोने वाले निर्दलीय विधायको के साथ साथ बसपा से कांग्रेस मे आये विधायको के अतिरिक्त कांग्रेस के अनेक विधायको ने भी 14-अगस्त को विधानसभा मे बहुमत पाकर उसके बाद सम्भावित मंत्रीमंडल विस्तार मे अपनी जगह पुख्ता मानकर इच्छानुसार विभाग मिलना मान कर अनेक ताश के महल खड़े किये थे जो अब रुक रुक कर महल ढहते नजर आनै लगे है।
           बताते है कि राजस्थान की कांग्रेस सरकार मे गहलोत-पायलट द्वारा चली जाने वाली चालो व उन चालो से कांग्रेस को होने वाले नुकसान को लेकर हरियाणा के एक युवा नेता व कांग्रेस सांसद ने सभी तरह के तथ्यों से पहले राहुल गांधी व फिर प्रियंका गांधी को अवगत करवाया। उसके बाद अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी राहुल-प्रियंका को वास्तविक स्थिति से अवगत करवाने के बाद बताते है कि गांधी परिवार के पूत्र-पूत्री की पायलट से पहले टेलिफोनिक व फिर आमने सामने वार्ता होकर सचिन पायलट की वापसी तय हुई। जब पायलट की दिल्ली मे वापसी हो रही थी जब जेसलमेर मे बाड़ेबंदी मे बंद कुछेक विधायको ने पायलट वापसी के विरोध के स्वर निकालने की कोशिश भी की, पर धणी का धणी कोन। जब राहुल गांधी-प्रियंका गांधी व सोनिया गांधी की रजामंदी के बाद पायलट व पायलट समर्थक विधायको की वापसी हो तो उसके विरोध मे कोन खड़ा होगा? हुवा भी यही। बाड़ेबंदी मे बंद विधायक व मुख्यमंत्री गहलोत के अतिरिक्त अविनाश पाण्डेय सहित अन्य नेताओं ने चाहे बूझै मन से ही सही पर हाईकमान का फैसला बताकर मानने को कह दिया। बाड़ेबंदी मे बंद जिन विधायको ने जो अनेक तरह के सपने उस समय संजोए थे वो अब उन्हें रुक रुक कर जरूर सतायेगे।
            14-अगस्त को कांग्रेस सरकार के धवनिमत से विश्वास प्रस्ताव पारित होने व सदन के 21-अगस्त तक स्थगित होने के बाद बाड़ेबंदी मे बंद विधायको के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर बाड़ेबंदी से स्वतंत्र होकर अपने अपने क्षेत्र मे जना माना जा रहा है। वही सचिन पायलट के देर रात दिल्ली पहुंचना बताया जा रहा है। जहां पायलट कुछ दिन रुककर हाईकमान से मिलेगे। पायलट व दिल्ली मे मोजूद दिग्गज कांग्रेस नेताओं की मुलाकात पर सबकी नजरे ठिकी हुई है।


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